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लाखों नौकरियों पर लटकी तलवार, वित्त मंत्री ने कहा – सरकार हर सेक्टर का सहयोग कर रही

निर्मला सीतारमण ने कहा कि समझना होगा कि भारत में सुस्ती बाहरी प्रभाव से या आंतरिक। पेट्रोलियम उत्पादों के जीएसटी के अंतर्गत जल्द लाने के बारे में भी दी जानकारी।

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नई दिल्ली। देश में आर्थिक सुस्ती को लेकर विपक्ष तो सरकार को घेरने की तैयारी में दिख रहा, वहीं अब आम जनता की भी चिंता बढ़ती जा रही है। इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि इस समय दुनियाभर में नरमी के हालात हैं। भारत में सुस्ती बाहरी प्रभाव से है या आंतरिक, इसको समझना होगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार इस स्थिति से निपटने के लिए तमाम प्रयास कर रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि मंदी के इस दौर में भी भारत दुनिया की सबसे तेजी से आगे बढऩे वाला अर्थव्यवस्था बना हुआ है। बता दें कि वित्त मंत्री ने यह बात वाराणसी दौरे पर कहीं। वो यहां व्यापारियों, उद्यमियों और टैक्स अधिकारियों के साथ चर्चा करने के लिए पहुंची थीं।

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जल्द जीएसटी के अंतर्गत आयेंगे पेट्रोलियम उत्पाद

पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि आर्थिक सुस्ती की चर्चा के बीच सरकार तमात समस्याओं को दूर करने का प्रयास कर रही है। साथ में उन्होंने यह भी कहा कि पेट्रोलियम उत्पाद भी जीएसटी के अंतर्गत आयेंगे।

हर क्षेत्र का बजट के जरिये सहयोग दे रही सरकार

सरकार बजट के माध्यम से सभी सेक्टर्स को अपना सहयोग दे रही है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सरकार अपने बजट के माध्यम से किसानों को सबसे अधिक सहयोग दे रही है, क्योंकि भारत आज भी कृषि प्रधान देश है।

सोने की कीमतों में भारी तेजी पर बात करते हुये उन्होंने कहा कि हम भारत में सोने का उत्पादन नहीं करते हैं। भारत में सोना आयात किया जाता है, ऐसे में सोने की कीमतों में यह तेजी बाहरी बाजार के आधार पर तय होते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस पर भी नजर बनाये हुये है।

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गौरतलब है कि वित्त मंत्री की तरफ से यह बयान तब आया है जब अलग-अलग सेक्टर्स मंदी के बुरे दौर से गुजर रहा। सबसे अधिक खराब हालत ऑटो सेक्टर की है, जहां हजारों की संख्या में नौकरियां खत्म हो गईं है।

मीडिया रिपोर्ट्स में लगातार यह खबर आ रही है कि ऑटो सेक्टर की बदहाली की वजह से लाखों नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है। बताते चलें कि देश की कुल जीडीपी में ऑटो सेक्टर की करीब 7 फीसदी हिस्सेदारी है।

जबकि, मैन्युफैक्चरिंग जीडीपी में 26 फीसदी और इंडस्ट्रियल जीडीपी में 49 फीसदी की हिस्सेदारी। यही हाल कमोबेश हर सेक्टर का है।