
Not only manufacturing, service sector increased confidence of country
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मॉनेटरी पॉलिसी बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास मौजूदा समय में देश के लोगों का आत्मविश्वास बढ़ा है। देश को आने वाले दिनों से काफी उम्मीदें हैं। उन्होंने इस बात को साबित करने के लिए दो अहम फैक्टर्स का प्रयोग किया। उन्होंने इस बात को साबित करने के लिए सितंबर महीने के मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई और सर्विस सेक्टर की पीएमआई को आधार बनाया। साथ ही कहा कि देश की जीडीपी चौथी तिमाही में पॉजिटिव नोट पर आ जाएगी। वहीं आज आपको यह बताने जा रहे हैं कि दुनिया में किसी भी देश के मुकाबले भारत में लगे सबसे लंबे लॉकडाउन के बाद देश की इकोनॉमी में रिकवरी के संकेत सिर्फ इन दो सेक्टर की पीएमआई में इजाफे से नहीं आया है। बल्कि इसके लिए और भी कारण जिम्मेदार हैं।
2012 के बाद उच्चतम स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर
देश के विनिर्माण क्षेत्र में सितंबर में करीब 8.5 साल की सबसे बड़ी तेजी रही और इसका आईएचएस मार्किट खरीद प्रबंधक सूचकांक यानी पीएमआई बढ़कर 56.8 पर पहुंच गया। बीते सप्ताह को जारी हुई रिपोर्ट के अनुसार अनलॉक के दौरान आर्थिक गतिविधियों की छूट बढऩे से कारखानों में पूरी क्षमता से उत्पादन हुआ। घरेलू स्तर पर और विदेशों से भी नए ऑर्डर में तेजी आने से विनिर्माण गतिविधियों में माह-दर-माह आधार पर जनवरी 2012 के बाद की सबसे बड़ी तेजी देखी गई। विनिर्माण पीएमआई अगस्त में 52 दर्ज किया गया था जो सितंबर में बढ़कर 56.8 पर रहा।
सितंबर महीने सर्विस सेक्टर में हुआ सुधार
आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी की बैठक में सर्विस सेक्टर में भी सुधार के संकेत दिए हैं। उन्होंने सर्विस सेक्टर की पीएमआई के बारे में कहा कि सितंबर में सर्विस सेक्टर में ग्रोथ देखने को मिली है। पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स में पिछले महीने के मुकाबले 8 अंकों का सुधार हुआ है। सितंबर में पीएमआई 49.8 अंक पर पहुंच गया है। जबकि अगस्त में सर्विस सेक्टर की पीएमआई 41.8 अंकों पर था। करीब 3 दिन पहले आई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले 12 माह के दौरान लगभग 33 फीसदी मैन्युफैक्चरर्स को उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
निर्यात के मामले में भी देखने को मिला सुधार
देश का निर्यात छह महीने की गिरावट के बाद सितंबर महीने में सालाना आधार पर 5.27 फीसदी बढ़कर 27.4 अरब डॉलर आ गया। देश ने पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान निर्यात किए गए 26.02 अरब डॉलर की तुलना में इस वर्ष की अवधि में 27.40 अरब डॉलर का माल बाहर भेजा है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, सितंबर 2020 के दौरान सितंबर 2019 की अपेक्षा सकारात्मक वृद्धि देखने को मिली है। इसमें सबसे अधिक वृद्धि दर्ज करने वाले शीर्ष पांच क्षेत्रों में अनाज, लौह अयस्क, चावल, तिलहन और कालीन शामिल हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा कि मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वल्र्ड: भारत का निर्यात सितंबर 2020 में पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 5.27 फीसदी बढ़ा है। उन्होंने अपने एक ट्वीट में इस बात का भी जिक्र किया कि देश की इकोनॉमी में तेजी से इजाफा हो रहा है और प्री कोविड लेवल को पार कर गई है।
बेरोजगारी हुई कम
किसी भी देश की इकोनॉमी में संभालने में रोजगार दर एक अहम स्तंभ होता है। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि लॉकडाउन की वजह से देश में करोड़ों लोगों की नौकरी गई है। वैसे शनिवार को जो सरकारी आंकड़े सामने आए हैं वो काफी सुकून दे रहे हैं। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आंकड़ों के अनुसार सितंबर महीने में बेरोजगारी दर गिरकर 6.67 फीसदी पर आ गई है, जोकि अगस्त के महीने में 8.35 फीसदी थी। इस दौरान शहरी बेरोजगारी दर अगस्त के महीने में 9.83 फीसदी के मुकाबले घटकर 8.45 फीसदी पर आ गई हैै। वहीं सीएमआईई का कहना है कि इन आंकड़ों को देखकर ज्यादा खुश होने की जरुरत नहीं है। आपको बता दें कि अप्रैल 2020 में बेरोजगारी दर 23.52 फीसदी और मई में 21.7 फीसदी पर आ गई थी। इसी दौरान शहरी बेरोजगारी दर अप्रैल में 25 फीसदी और मई में 23.14 फीसदी दर्ज की गई थी।
जीएसटी कलेक्शन में इजाफा
एक अक्टूबर को वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी कलेक्शन के डाटा आए थे। सितंबर महीने में जीएसटी कलेक्शन 95,480 करोड़ रुपए रहा। सितंबर के जीएसटी संग्रह में पिछले महीने अगस्त के संग्रह से काफी वृद्धि देखने को मिली है। अगस्त में सकल जीएसटी संग्रह 86,449 करोड़ रुपए रहा। जबकि अप्रैल, मई, जून और जुलाई में भी जीएसटी कलेक्शन में ज्यादा तेजी देखने को नहीं मिली थी। जानकारों की मानें तो अक्टूबर और नवंबर में फेस्टिव सीजन होने और अनलॉक 5 के तहत कारोबार शुरू होने के कारण इसके एक लाख करोड़ या उससे ज्यादा तक पहुंचने की उम्मीद है।
ऑटो सेक्टर में देखने को मिली तेजी
वहीं सितंबर के महीने में कारों की सेल्स में तेजी देखने को मिली है। आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो मारुति सुजुकि की सेल्स में पिछले साल के मुकाबले सितंबर महीने में 30 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिली है। हुंडई की सेल में यह आंकड़ करीब 4 फीसदी की बढ़त का है। बजाज ऑटो 10 फीसदी की बढ़ा है। टीवीएस मोटर्स की सेल्स में पिछले साल के मुकाबले इस सितंबर में 14 फीसदी की बढ़त आई है। वहीं हीरो मोटोकॉर्प में यह बढ़त करीब 17 फीसदी की देखने को मिली है। आने वाले दो महीने फेस्टिव सीजन के हैं। जिसमें कंपनियां बंपर डिस्काउंट भी देंगी ऐसे में यह आंकड़ा और भी बढऩे के आसार हैं।
Updated on:
09 Oct 2020 03:25 pm
Published on:
09 Oct 2020 02:11 pm
बड़ी खबरें
View Allअर्थव्यवस्था
कारोबार
ट्रेंडिंग
