
One more shock to govt on inflation front, WPI rate also increased
नई दिल्ली। महंगाई के मोर्चे पर केंद्र सरकार को एक और झटका लगा है। खुदरा महंगाई दर के बाद अब थोक महंगाई दर में भी इजाफा हो गया है। जानकारी के अनुसार गैर खाद्य वस्तुओं की कीमतों में इजाफा देखने को मिला है। साल के आखिरी तीन महीनों में थोक महंगाई में इजाफा देखने को मिला था। आंकड़ों की मानें तो थोक मूल्य पर आधारित भारत की वार्षिक महंगाई दर दिसंबर के 2.59 फीसदी से बढ़कर जनवरी में 3.10 फीसदी हो गई है। वहीं पिछले वर्ष के दिसंबर में थोक महंगाई दर 2.76 फीसदी दर्ज की गई थी।
थोक महंगाई के आंकड़े
आंकड़ों की मानें तो गैर-खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी दिसंबर के 2.32 फीसदी से करीब 3 गुना बढ़कर 7.8 फीसदी हो गई है। खाद्य वस्तुओं में सब्जियों की कीमतें 52.72 प्रतिशत फीसदी, जिसमें सबसे अधिक योगदान प्याज का देखने को मिला। इस दौरान प्याज की कीमतों में 293 फीसदी का इजाफा देखने को मिला। वहीं इसके बाद आलू की कीमतों में 37.34 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली।
6 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंची खुदरा महंगाई
सरकार की ओर जारी खुदरा महंगाई दर छह साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। आंकड़ों के जनवरी के महीने में खुदरा महंगाई दर 7.59 प्रतिशत पर पहुंच गई है। जबकि दिसंबर के महीने में खुदरा महंगाई दर 7.35 फीसदी थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, जनवरी में खाद्य पदार्थों की खुदरा महंगाई दर 13.63 फीसदी रही। सब्जियों, दालों, मांस-मछली और अंडों के दाम में सबसे तेज बढ़ोतरी हुई। पिछले साल जनवरी की तुलना में सब्जियों के दाम 50.19 फीसदी और दालों तथा इनके उत्पादों के दाम 16.71 फीसदी बढ़े। मांस-मछली के दाम 10.50 फीसदी और अंडे के 10.41 फीसदी बढ़े। लगातार तीसरे महीने खाद्य खुदरा महंगाई दर दहाई अंक में रही है। नवंबर 2019 में यह 10.01 फीसदी और दिसंबर 2019 में 14.19 फीसदी रही थी।
आईआईपी में 0.3 फीसदी की गिरावट
खपत घटने और कारखानों की बंदी के बीच दिसंबर 2019 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 0.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी है जबकि दिसंबर 2018 में इमसें 2.5 फीसदी की वृद्धि हुई थी। सरकार ने बुधवार को जारी आंकड़ों में बताया कि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर 2019 की अवधि में आईआईपी में 0.5 फीसदी की वृद्धि हुई है। अप्रैल से दिसंबर 2018 की अवधि में आईआईपी वृद्धि दर 4.7 फीसदी रही थी। दिसंबर 2019 में खनन के उत्पादन में 5.4 फीसदी की तेजी आयी है। वहीं विनिर्माण में 1.2 फीसदी और बिजली में 0.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी है। अप्रैल से दिसंबर 2019 की अवधि में खनन के उत्पादन में 0.6 फीसदी, विनिर्माण में 0.5 फीसदी और बिजली में 0.8 फीसदी की वृद्धि हुई है।
Updated on:
15 Feb 2020 08:36 am
Published on:
14 Feb 2020 03:16 pm
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