ऐसे समय में जब पाकिस्तान की राष्ट्रीय विमानन कंपनी पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) को उड़ान जारी रखने के लिए सरकारी धन की सख्त जरूरत है और भारत के साथ तनाव के मद्देनजर हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण देश को 850 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है, ऐसे में भारतीय विमानों के लिए एक और हवाई क्षेत्र बंद करने से पाकिस्तान को भारी नुकसान होगा।
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साबित हो सकती है खोखली प्रतिबद्धता
जिंदा रहने के लिए संघर्ष कर रही पीआईए ने हाल ही में सैंकड़ों लोगों की छंटनी की थी और अपने कारोबार को जारी रखने के लिए सरकारी मदद पर निर्भर है और पाकिस्तान सरकार ने कहा कि वह राष्ट्रीय विमानन कंपनी को हर किस्म की मदद देगी। लेकिन खुद सरकार की हालत खस्ता है तो ऐसे में यह खोखली प्रतिबद्धता साबित होगी।
फरवरी में लगाये गये प्रतिबंध से 8.5 अरब का नुकसान
पाकिस्तान के संघीय विमानन मंत्री गुलाम सरवर खान ने पिछले महीने कहा था कि भारत के साथ सैन्य टकराव के कारण फरवरी 2019 से लगाए गए एयरस्पेस प्रतिबंधों के कारण पाकिस्तान सिविल एविएशन अथॉरिटी को 8.5 अरब रुपये का नुकसान हुआ है। इन एयरस्पेस को जुलाई में खोल दिया गया, लेकिन भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद पाकिस्तान बार-बार एयरस्पेस बंद करने की धमकी दे रहा है।
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पाकिस्तान के स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को पीआईए की कारोबारी योजना, जरूरतों और अन्य मुद्दों को लेकर इस्लामाबाद में एक विमानन खंड के बैठक की अध्यक्षता की। पीआईए ने अपने बेड़े में साल 2023 तक 12 नए विमान जोडऩे की योजना बनाई है, जिसके बाद उसके बेड़े में कुल 45 विमान हो जाएंगे। इससे पहले 2020 में पीआईए 4 नए विमान जोड़ेगी।