स्कूल में खुला पहला खाता कार्यक्रम में अपने जीवन से जुड़ी एक रोचक घटना के बारे में बताते हुए पीएम ने कहा कि जब वह स्कूल में पढ़ते थे तब देना बैंक एक योजना लेकर आया था। इस योजना के तहत देना बैंक की ओर से स्कूली छात्रों को गुल्लक दी जाती थी और छात्रों का बैंक खाता खोला जाता था। इसी योजना के तहत पीएम मोदी को भी एक गुल्लक देकर खाता खोला गया। कुछ दिन बाद पीएम मोदी ने गांव छोड़ दिया, लेकिन बैंक खाता चलता रहा। मोदी के अनुसार बैंक अधिकारी खाते को हर साल आगे बढ़ा देते थे। मोदी के अनुसार, इस खाते को बंद करने के लिए बैंक अधिकारी उन्हें ढूंढ़ रहे थे।
32 साल तक ढूढ़ते रहे बैंक अधिकारी पीएम मोदी ने बताया कि 32 साल बाद बैंक अधिकारियों ने उन्हें ढूंढ़ निकाला और खाता बंद करने के लिए संपर्क किया। पीएम के अनुसार 32 साल बाद बैंक अधिकारी उनके पास पहुंचे और खाता बंद करने वाले फॉर्म पर हस्ताक्षर कराए। मोदी ने बताया कि विधायक बनने से पहले तक उनके पास कोई बैंक खाता नहीं था। जब वह पहली बार गुजरात विधानसभा के विधायक बने, तब उन्होंने वेतन लेने के लिए पहली बार खाता खुलवाया।
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