ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर सरकार का जोर
राष्ट्रपति कोविंद के इस संबोधन से एक बात साफ तौर पर नजर आती है कि नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi ) की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ( NDA government ) लगातार दूसरी बार सत्ता में आने के बाद किसानों की माली हालत बेहतर करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। आगामी महीनों में सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था ( Rural Economy ), पानी की संकट से लेकर आम आदमी को सशक्त बनाना चाहती है।
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अंतरिम बजट 2019 में सरकार ने की थी पीएम किसान स्कीम की घोषणा
रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में कहा, “मजबूत ग्रामीण सेक्टर के दम पर ही अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ सकती है। केंद्र सरकार इसी पर काम कर रही है। ग्रामीण उत्पादकता को बढ़ाने के लिए 25 खरब रुपये का निवेश किया जाएगा। सरकार प्रधानमंत्री किसान स्कीम के तहत सालाना 90 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी।” इस स्कीम की घोषणा सरकार ने अंतरिम बजट ( Interim budget ) में किया था। अंतरिम बजट में सरकार ने इस स्कीम के लिए 75 हजार करोड़ रुपये आवंटित किया था। उम्मीद की जा रही है कि सरकार कैबिनेट बैठक ( cabinet meeting ) में इस स्कीम के तहत आवंटन राशि को और भी बढ़ा सकती है।
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इन अहम मुद्दों पर भी जोर देना जरूरी
राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि पानी की संकट की वजह से मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई स्वच्छ भारत अभियान में भी दिक्कतें आ रही हैं। कोविंद ने कहा मोदी सरकार को यह प्रचंड आम जनता द्वारा इसलिए दिया गया है ताकि वो विकास की रफ्तार को और तेज कर दे। राष्ट्रपति ने युवाओं को अधिक से अधिक मौके देने और 21वीं सदी के हिसाब से इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसीत करने पर जोर दिया जाना चाहिए।
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