scriptपूर्व यूपीए सरकार पर रघुराम राजन ने उठाए सवाल, कहा- पीएमआे को RBI ने भेजी थी हार्इ प्रोफाइल फ्राॅड मामलों की लिस्ट | RAghuram Rajan says RBI sent high profile fraud list to PMO | Patrika News

पूर्व यूपीए सरकार पर रघुराम राजन ने उठाए सवाल, कहा- पीएमआे को RBI ने भेजी थी हार्इ प्रोफाइल फ्राॅड मामलों की लिस्ट

locationनई दिल्लीPublished: Sep 12, 2018 10:26:57 am

Submitted by:

Ashutosh Verma

मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति को सौंपे गए रिपोर्ट में पू्र्व आरबीआर्इ रघुराम राजन ने कहा है कि मेरे कार्यकाल के दौरान आरबीआर्इ ने प्रधानमंत्री कार्यालय को हार्इ प्रोफाइल मामलों की एक लिस्ट भेजी थी। लेकिन उसपर पर पीएमआे ने क्या कार्रवार्इ की, ये नहीं पता है।

Raghuram Rajan

पूर्व यूपीए सरकार पर रघुराम राजन ने उठाए सवाल, कहा- पीएमआे को RBI ने भेजी थी हार्इ प्रोफाइल फ्राॅड मामलों की लिस्ट

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआर्इ) पूर्व गर्वनर ने बैंकों में फंसे कर्ज को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। बैंकों के फंसे कर्ज को लेकर राजन ने यूपीए सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। राजन ने कहा है कि अतिआशावादी बैंकर्स, फैसले लेने में यूपीए सरकार की प्रक्रिया और आर्थिक तेजी ही बैंकों पर एनपीए बढ़ने के प्रमुख कारण हैं। राजन ने कहा कि यूपीए सरकार में हुए कई घोटाले के दौरान फैसले लेने में सरकार की लापरवाही भी जिम्मेदार है। 30 सदस्यीय लोकसभा समिति को सौंपे गए एक रिपोर्ट में राजन ने ये बाते कही है। साथ ही इस रिपोर्ट में उन्होंने कहा कि, विभिन्न प्रकार की प्रशासनिक समस्याओं जैसे कोयले की खानों की संदिग्ध आवंटन की जांच ने पहले यूपीए सरकार और फिर बाद में एनडीए सरकार के फैसले लेने की क्षमता को धीमा कर दिया।


पीएमआे को भेजी थी हार्इ प्रोफाइल मामलों की लिस्ट
राजन ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान समन्वित कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को बैंकिंग धोखाधड़ी संबंधित हाई प्रोफाइल मामलों की एक लिस्ट भेजी थी। मेरे कार्यकाल के दौरान आरबीआई ने एक फ्राॅड माॅनिटरिंग सेल का गठन किया था ताकि किसी भी फ्राॅड को शुरुआती दौर में ही पकड़ा जा सके और सरकार और जांच एजेंसियों के समन्वय से उचित कार्रवाई की जा सके। पीएमओ को लिस्ट भेजने के बाद मुझे आज भी नहीं पता कि सरकार इसपर आखिरकार क्या फैसला लिया है। ये ऐसा मामला है जिसपर जल्द से जल्द ध्यान देना होगा।

बैंकों के फंसे कर्ज को लेकर पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने दिया बड़ा बयान, कहा- UPA सरकार की गलत फैसलों से बढ़ा NPA

बैंकों की गलती
मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली समिति को दिए गए अपने जवाब में उन्होंने कहा कि बैंकों के लिए बोझ बने मौजूदा एनपीए का एक बड़ा हिस्सा साल 2006 से 2008 के दौरान पैदा हुआ है। इस दौरान आर्थिक गति काफी तेज था और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कई प्रोजेक्टस जैसे पावर प्लांट समय से और बजट में ही पूरे हो चुके थे। ये ऐसे समय होते हैं जब बैंक भविष्य में बेहतर प्रदर्शन और तेजी को देखते हुए गलतियां कर बैठते। उन्होंने कहा कि स्थगित परियोजनाओं के लिए प्रोजेक्टी की लागत बढ़ी है और वे लोन चुकाने में असमर्थ हो गए हैं।


बैंकों ने लोन के रूप में दी मुंहमांगी रकम
एक उदाहरण का हवाला देते हुएराजन ने कहा एक प्रोमोटर ने मुझे बताया कि कैसे बैंकों ने उसके सामने चेकबुक रखकर कहा कि आप बताएं आपको कितनी रकम चाहि। ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि ग्रोथ हमेशा वैसे नहीं होता है जैसा हम उम्मीद करते हैं आैर वैश्विक वित्तीय घाटे के के पहले अर्थव्यवस्था में मजबूती के बाद ये धीमा हो गया। इसका असर भारत में भी देखने को मिला था।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो