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कैश की किल्‍लत की सबसे बड़ी वजह आई सामने, आरबीआई की रिपोर्ट ने किया खुलासा

आरबीआई की हालिया रिपोर्ट में साफ हो चुका है कि नोटबंदी से देश को किसी तरह का कोई फायदा नहीं हुआ है।

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Saurabh Sharma

Apr 27, 2018

2000 rs note

2000 rs

नई दिल्‍ली। भले ही देश के सभी एटीएम का पेट भरने के लिए रिजर्व बैंक की ओर से नोटों की छपाई का काम शुरू कर दिया हो, लेकिन जिस तरह से देश में कैश की किल्‍लत हुई उससे आरबीआई काफी परेशान है। आरबीआई की हालिया रिपोर्ट में साफ हो चुका है कि नोटबंदी से देश को किसी तरह का कोई फायदा नहीं हुआ है। आज भी देश में कैश की जमाखोरी आलम नोटबंदी के समय से पहले का है। एक इंटरनेशनल मीडिया एजेंसी की रिपोर्ट की मानें तो देश में जिस तरह से लोगों ने एटीएम से कैश निकाला, उस हिसाब से खर्च नहीं किया गया है। आरबीआई और इंटरनेशनल मीडिया एजेंसी की रिपोर्ट बताती है कि सरकार की ओर से की गई नोटबंदी पूरी तरह से फेल हो चुकी है।

आरबीआई ने जारी किए आंकड़े
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से जारी किए गए आंकड़ों पर नजर डाले तो 20 अप्रैल को खत्म हुए हफ्ते में बैंकों से 16,340 करोड़ रुपये निकाले गए। अप्रैल के पहले तीन हफ्तों में कुल 59,520 करोड़ रुपये निकाले गए। जनवरी-मार्च तिमाही में कुल 1.4 लाख करोड़ रुपए निकाले गए जो 2016 की इसी तिमाही से 27 प्रतिशत ज्यादा है। 20 अप्रैल तक करेंसी सर्कुलेशन 18.9 लाख करोड़ रुपये है। यह अक्टूबर 2017 से 18.9 फीसदी ज्यादा है।

अब उठ रहे हैं सवाल
जानकरों की मानें तो बैंकों और एटीएम से निकाले गए कैश को फिर से सर्कुलेशन में आने में थोड़ा वक्‍त लग सकता है। लेकिन अब सरकार के नोटबंदी के कदम पर सवाल उठ रहे हैं। कैश की जमाखोरी में आई तेजी से पीएम मोदी द्वारा नोटबंदी के कदम से क्या मिला इस पर सवाल उठने लाजिमी भी हैं। लोगों के बीच भले ही ऑनलाइन ट्राजैक्शन का ट्रेंड बढ़ा हो लेकिन कैश की जमाखोरी अभी भी जारी है। ऐसे में 2019 के चुनावों में मोदी और उनकी टीम से सवाल पूछे जाएंगे कि अगर काला बाजारी रोकने के लिए ही नोटबंदी करनी थी तो आज जो रहा है वो क्‍या है। आपको बता दें कि अभी 2000 रुपए के नोटों की किल्‍लत बादस्‍तूर जारी है। देश में कैश क्रंच की समस्‍या का हल नहीं हो सका है।