
Modi ने हटाई धारा 370, 371 वालों को आया पसीना, कहीं छिन ना जाएं यह विशेषाधिकार
नई दिल्ली।मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे जारी कर दिया है। आरबीआई के इस सर्वे से जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, वो सुस्त होती अर्थव्यवस्था के बीच मोदी सरकार के लिए निराशाजनक साबित हो सकती है। आरबीआई के इस सर्वे से पता चलता है कि रोजगार की चिंता समेत कई आर्थिक मोर्चे पर आम लोगों का भरोसा अब टूट रहा है। मौजूदा समय में आम लोग तेजी से अर्थव्यवस्था पर अपना विश्वास खो रहे हैं।
पांच में से तीन मोर्चे पर लोग निराश
बीते जुलाई माह के दौरान पांच प्रमुख मोर्चे में से तीन में पब्लिक सेंटीमेंट इस निराशा को दर्शाता है। सरकार के लिए सबसे बुरी खबर ये है कि निकट भविष्य में इसमें और गिरावट देखने को मिलेगी। सर्वे में बीते दो माह के दौरान आर्थिक बदलावों के आधार पर यह कहा गया है।
मौजूदा स्थिति के हिसाब से जुलाई माह में इसे 95.7 किया गया है, जोकि पिछले माह में 97.3 था। मार्च में यह आंकड़ा 104.6 था। फ्यूचर एक्सपेंक्टेशन इंडेक्स भी घटकर 124.8 हो गया। जून माह की तुलना में इसमें 4 प्वाइंट की गिरावट आई है।
इन प्रमुख शहरों में हुआ सर्वे
जुलाई माह के लिए आरबीआई का यह सर्वे 13 प्रमुख शहरों में किया गया। इनमें अहमदाबाद , बेंगलुरु, भोपाल, चेन्नई, दिल्ली, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, पटना और तिरूअनंतपुरमा शामिल रहे।
सर्वे में आम ग्राहकों को घर-गृहस्थी को लेकर उनकी उम्मीद और अर्थव्यवस्था की स्थिति पर जानकारी ली गई। इनमें रोजगार समेत आम लोगों की कमाई और खर्च जैसे मापदंडों पर सवाल पूछे गये।
कमाई की तुलना में कम खर्च
सर्वे के रिजल्ट से पता चलता है कि रोजगार से लेकर अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर आम लोग निराश हैं। बीते दो माह की तुलना में लोगों को कमाई के मोर्चे पर भी विश्वास में कमी आई है। जुलाई माह में लोगों ने अपनी कमाई की तुलना में कम खर्च किया है। इस बात से साफ पता चलता है कि जुलाई माह में मांग में कमी आई है।
आरबीआई की तरफ से यह सर्वे एक ऐसे समय पर आया है, जब देश में मांग में कमी आई है। आईएमएफ ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अपना अनुमान घटाया है।
Updated on:
08 Aug 2019 03:37 pm
Published on:
08 Aug 2019 03:00 pm
बड़ी खबरें
View Allअर्थव्यवस्था
कारोबार
ट्रेंडिंग
