
Gold Monetisation Scheme
नई दिल्ली: भारतीयों का सोने के प्रति प्रेम किसी से छिपा नहीं है अभी हाल ही में मार्केट एक्सपर्ट्स ने दावा किया था कि भारत के घरों में औरतों के लगभग 25000 किलो सोना बेकार पड़ा हुआ है। इस बात का अहसास कमोबेश सभी को था लेकिन 2015 में आयात बिल ( to reduce import bill ) को कम करने और बेकार पड़े सोने को बेहतर तरीके से इस्तेमाल में लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( PM Narendra Modi ) ने Gold Monetisation Scheme (GMS) लॉन्च की थी । उस स्कीम की बदौलत State Bank Of India ने पूरे 13000 किग्रा सोना इकट्ठा कर लिया है। इस बात को खुद sbi ने अपनी आधिकारिक रिपोर्ट में शेयर किया है।
क्या है पूरी स्कीम-
Gold Monetisation Scheme (GMS) के तहत सोना बैंक में जमा करना होता है। सोना जमा करना पैसे डिपॉजिट करने जसा ही होता है मतलब आपको आपके जमा सोने पर ब्याज मिलता है। इस स्कीम के तहत आपके सोने की वैल्यू तय की जाती है और फिर उसके एवज में fixed deposit की तरह ब्याज दिया जाता है।
सबसे अच्छी बात ये है कि इस स्कीम के तहत आपको किसी भी तरह का इनकम टैक्स ( income tax ) या कैपिटल गेन टैक्स ( Capital Gain Tax ) नहीं देना होता है।
क्या-क्या कर सकते हैं जमा- इस स्कीम के तहत आप ज्वैलरी ( सिर्फ सोने की, स्टोन ज्वैलरी भी अलाउड नहीं है।), गोल्ड बार,सिक्के जमा कर सकते हैं। लेकिन हां इस स्कीम में जमा कराने के बाद आपको अपना सोना अपने सामने देखने को नहीं मिलता है।
कितना मिलता है ब्याज- इस स्कीम के तहत सोना जमा कराने पर आपको 2-2.5 फीसदी का ब्याज ( interest on gold ) मिल सकता है।
आपको बता दें कि सिर्फ मोनेटाइजेशन स्कीम ही नहीं बल्कि मोदी सरकार ( Modi Govt ) की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम ( Soverign Gold Bonds ) के जरिए भी एसबीआई ने 2019-20 के दौरान उसने 647 किलोग्राम (243.91 करोड़ रुपये) का सोना जुटाया।
Updated on:
23 Jun 2020 05:47 pm
Published on:
23 Jun 2020 05:40 pm
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