नई दिल्लीPublished: Apr 21, 2021 12:22:25 pm
Saurabh Sharma
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने कहा कि कार्यवाही लंबित होने के दौरान अस्थायी रूप से संपत्ति आदि की जब्ती का मतलब यह है कि अंतिम देय राशि को लेकर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। ऐसे में अस्थायी रूप से जब्ती, कानून में दी गई प्रक्रिया व शर्तों के अनुरूप ही होनी चाहिए।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जीएसटी कालूल के तहत किसी भी व्यक्ति के बैंक अकाउंट और प्रॉपर्टी को सीज करने के फैसले को काफी कठोर करार दिया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अथॉरिटी इस नियम का यूज अनियंत्रित तरीके से नहीं कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने कहा कि कार्यवाही लंबित होने के दौरान अस्थायी रूप से संपत्ति आदि की जब्ती का मतलब यह है कि अंतिम देय राशि को लेकर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। ऐसे में अस्थायी रूप से जब्ती, कानून में दी गई प्रक्रिया व शर्तों के अनुरूप ही होनी चाहिए।