सरकार को झटका, एक दशक के उच्चतम स्तर से नीचे आया मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर
- नवंबर में कोविड-19 से संबंधित प्रतिबंधों के कारण धीमी गति से प्रवाह दर्ज
- आईएचएस मार्किट इंडिया का विनिर्माण पीएमआई नवंबर में घटकर 56.3 पर

नई दिल्ली। भारत की विनिर्माण गतिविधियों में वृद्धि की रफ्तार कम हुई है। देश के विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) क्षेत्र में नवंबर में कोविड-19 से संबंधित प्रतिबंधों के कारण धीमी गति से प्रवाह दर्ज किया है। अक्टूबर के दौरान एक दशक में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सबसे मजबूत सुधार दर्ज किए जाने के बाद आईएचएस मार्किट इंडिया का विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) नवंबर में घटकर 56.3 रह गया, जो अक्टूबर में 58.9 था।
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बीते तीन महीनों में सबसे कम नए ऑर्डर
रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर में नए ऑर्डरों की वृद्धि की रफ्तार तीन माह में सबसे कम रही है। विनिर्माण पीएमआई की रिपोर्ट में कहा गया कि नए ऑर्डर तीन महीने में सबसे धीमी गति से बढ़े। निर्यात के संदर्भ में नए ऑर्डर नवंबर में उल्लेखनीय रूप से बढ़े, सर्वेक्षण के प्रतिभागियों ने प्रमुख निर्यात बाजारों से अपने माल की मजबूत मांग की रिपोर्ट की। यह आंकड़ा अक्टूबर के करीब एक दशक के उच्चस्तर के बाद कुछ नीचे आया है। रिपोर्ट के अनुसार, तीन महीने में कच्चे माल या इनपुट खरीद की मात्रा सबसे धीमी गति से बढ़ी।
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जीएसटी के आंकड़ों में राहत
वहीं दूसरी ओर नवंबर के महीने में जीएसटी के आंकड़ों में सरकार को राहत मिली है। सकल जीएसटी राजस्व संग्रह लगभग 1.05 लाख करोड़ रुपए रहा। एक आधिकारिक बयान में मंगलवार को यह जानकारी दी गई। नवंबर 2020 में राजस्व पिछले साल के इसी महीने में जीएसटी राजस्व से 1.4 प्रतिशत अधिक है। महीने के दौरान, पिछले साल प्राप्त राजस्व के मुकाबले, सामानों के आयात से राजस्व 4.9 प्रतिशत अधिक प्राप्त हुआ और सेवाओं के आयात सहित घरेलू लेनदेन से राजस्व 0.5 प्रतिशत अधिक प्राप्त हुआ। कुल माल और सेवा कर में 19,189 करोड़ रुपये का केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी), 25,540 करोड़ रुपये का राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) और 51,992 करोड़ रुपये का एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) प्राप्त हुआ।
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