
PUC Centre
नई दिल्ली।केंद्र सरकार की ओर से जारी किए नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद अब लोग अपनी गाड़ी में सभी जरुरी कागजात लेकर चलने लगे हैं। जब इस नियम को लागू किया गया तो हर रोज सैकड़ों की संख्या में चलान कटने लगे। किसी के पास हेलमेट न होने की वजह से चलान कटने लगे, तो किसी की दूसरे नियमों का पालन न करने पर। लेकिन सबसे ज्यादा चालान पाॅल्यूशन सर्टिफिकेट न होने की वजह से कटे। आलम यह हो गया कि प्रदुषण जांच केंद्र पर गाड़ियों की लंबी लंबी कतारें लगने लगी। ऐसे में प्रदूषण जांच केंद्रों महत्व का पता लगा। सरकार की इस नये नियम की वजह से जहां एक ओर सरकारी खजाने में काफी पैसे आए वहीं लोगों के लिए भी कमाई के नए अवसर बनने लगे। ऐसे में अगर आप भी अपना प्रदूषण जांच केंद्र खोलना चाहते हैं तो आपके लिए यह एक बेहतरीन विकल्प बन सकता है। क्योकिं इसको खोलने की लागत बेहद कम है और लागत की तुलना में कमाई ज्यादा। तो आइए जानते हैं क्या है प्रदूषण जांच केंद्र खोलने का पूरा प्रोसेस...
ऐसे कर सकते हैं आवेदन
अगर आप अपना प्रदूषण जांच केंद्र खोलना चाहते हैं तो आपको आरटीओ से लाइसेंस लेना होगा। इसके लिए आप अपने नजदीकी आरटीओ दफ्तर में जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करते समय आपको 10 रुपए का एफिडेविट बनवा कर देना होगा। कुछ राज्यों की बात करें तो वहां बिना आरटीओ ऑफिस गए आप ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं।
ये हैं नियम एंव शर्तें
जब आप इसके लिए आवेदन करेंगे तो आपको वहां की लोकर अथॉरिटी से एक नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना पड़ेगा, जहां के लिए आप आवेदन कर रहें हैं। आपने अगर गौर किया होगा तो देखा होगा कि प्रदूषण जांच केंद्र अक्सर पीले रंग का ही होता है। क्योंकि प्रदूषण जांच केंद्र पीले रंग के केबिन में ही खोला जाता है। आप भी अपना प्रदूषण जांच केंद्र खोलना चाहते हैं तो आपको 2.5 मीटर लंबी, 2 मीटर चौड़ी और 2 मीटर उंची पीले रंग की केबिन बनानी होगी।
केवल 10,000 रुपए है फीस
प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए सरकार को जमा करने वाली फीस कुल 10,000 रुपए है। जिसमें 5000 रुपए सिक्योरिटी डिपॉजिट और 5000 रुपए सालाना फीस शामिल हैं। यानी कुल 10,000 रुपए की फीस भरकर आप अपना प्रदूषण जांच केंद्र खोल सकते हैं।
ऐसे होगी 1.5 लाख रुपए की कमाई
अगर आपने कभी अपनी गाड़ी का पॉल्यूशन कराया हो तो देखा होगा कि पॉल्यूशन चेक होने के बाद जो रसीद मिलती है उसपर 2 रुपए का स्टिकर लगा होता है। किसी भी प्रदूषण जांच केंद्र के मालिक को यह रकम सरकार के पास जमा करानी पड़ती है। बाकि रकम केंद्र के मालिक की होती है। एक टू-व्हीलर के प्रदूषण जांच केंद्र करने का अमूमन चार्ज 40 रुपए होता है, जबकि कार का 60 रुपए। ऐसे में अगर आप दिन भर में 80 से 90 गाड़ियों का जांच करते हैं तो आप दिन के 5000 रुपए कमा सकते हैं। जो महीने में 1.5 लाख रुपए हो जाता है।
Updated on:
15 Nov 2019 02:00 pm
Published on:
15 Nov 2019 12:43 pm
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