6 December 2025,

Saturday

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

क्रूड ऑयल आपूर्ति पर अमरीका का पॉजिटिव एटिट्यूड, क्या भारत की टेंशन खत्म?

बुधवार को अमरीकी विदेश मंत्री माइक पाॅम्पियो (Mike Pompeo) ने भारत को आश्वस्त किया कि क्रूड ऑयल की आपूर्ति (Crude Oil Supply) नई दिल्ली ( New Delhi) को होती रहेगी।

3 min read
Google source verification

image

Saurabh Sharma

Jun 27, 2019

PM Modi meet with Mike Pompeo

क्रूड ऑयल आपूर्ति पर अमरीका का पॉजिटिव एटिट्यूड, क्या भारत की टेंशन खत्म?

नई दिल्ली।अमरीकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ( Mike Pompeo ) भारत दौरे ( India Visit) पर हैं। उन्होंने बुधवार को अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर ( S Jaishankar ) से लेकर नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi ) तक से मुलाकात की। उन्होंने ईरान के साथ अपने रुख को स्पष्ट किया। साथ ही भारत की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत ने ईरान से क्रूड ऑयल ( crude oil ) खरीदना बंद कर दिया है। सबसे जरूरी बात ये रही है कि उन्होंने भारत को आश्वस्त किया कि अमरीका की ओर से भारत को पर्याप्त मात्रा में क्रूड ऑयल की आपूर्ति ( crude oil supply ) जारी रहेगी। अब कुछ जरूरी सवाल ये हैं कि अमरीका के इस आश्वासन से भारत की टेंशन खत्म हो गई है? क्या भारत को क्रूड ऑयल के लिए पूरी तरह से अमरीका पर निर्भर हो जाना चाहिए? आइए पहले यह जानते हैं कि आखिर अमरीकी विदेश मंत्री की ओर से क्रूड ऑयल की आपूर्ति पर क्या कहा गया? फिर एक्सपर्ट से जानने की कोशिश करेंगे आखिर क्रूड ऑयल आपूर्ति पर अब भारत का क्या रुख होना चाहिए?

अमरीकी विदेश मंत्री का क्रूड ऑयल आपूर्ति पर रुख
अमरीका और ईरान के बीच संभावित युद्घ से होने वाले नुकसान को भारत जब अपने पर आते देखता है तो केंद्र में बैठे सत्ताधारी नेताओं का खून सूखना लाजिमी है। क्योंकि किसी देश की जीडीपी क्रूड ऑयल की कीमतों पर काफी डिपेंड करती है। भारत ईरान का दूसरा सबसे बड़ा आयातक देश था। ऐसे में ईरान पर अमरीकी प्रतिबंध ने भारत को काफी मुश्किल में डाल दिया है। इस पर भारत दौरे पर आए अमरीका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने बुधवार को कहा है कि अमरीकी प्रतिबंधों की वजह से भारत ने ईरान से क्रूड ऑयल खरीदना बंद कर दिया है। ऐसे में अब जिम्मेदारी वॉशिंगटन की है कि वो भारत को पर्याप्त मात्रा में कच्चे तेल की आपूर्ति करे। अमरीका इस बात के लिए भारत को आश्वस्त भी करता है।

यह भी पढ़ेंः-Pak Economy Crisis: 200 फीसदी बढ़ने जा रहा घरेलू गैस का दाम, आम जनता के छूट जाएंगे पसीने

क्रूड ऑयल को लेकर 7 महीने की स्थिति
जब से ईरान पर अमरीकी प्रतिबंध लगे हैं, तब से भारत ने अमरीका से अपना आयात बढ़ा दिया है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चे तेल का आयातक देश है। ऐसे में भारत ने अमरीका से नवंबर 2018 से लेकर मई 2019 तक रोजाना करीब 1,84,000 बैरल तेल खरीदा। वहीं पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा रोजाना लगभग 40,000 बैरल था। वहीं भारत ने ईरान से 48 फीसदी कम तेल खरीदा और यह लगभग 2,75,000 बैरल प्रतिदिन रहा। मई तक भारत ईरान के क्रूड ऑयल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार था।

यह भी पढ़ेंः-Microsoft के संस्थापक Bill Gates ने कहा- नहीं करता ये गलती तो होता 27.71 लाख करोड़ का फायदा

आखिर अमरीका क्रूड पर उदार क्यों
भारत के लिए क्रूड ऑयल को लेकर अमरीका की यह उदारता स्वाभाविक है? इस सवाल का जवाब देते हुए एंजेल ब्रोकिंग रिसर्च एंड कमोडिटीज के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता का कहना है कि ईरान पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब अमरीका को अपने तेल के खजाने खोलना मजबूरी बन गया है। क्योंकि उसे दो चीजों से लडऩा है। पहला महंगाई और दूसरा आने वाले दिनों में अमरीका में प्रेसीडेंट के चुनाव। अमरीकी सरकार भारत को तेल आपूर्ति पर उदारता इसलिए भी दिखा रहा है क्योंकि ट्रंप सरकार दुनिया में अपनी छवि को चुनावों से पहले स्पष्ट करने में जुटी है। वहीं कुछ लोगों का दबी जुबान में यह भी कहना है कि ट्रंप भारत के पीएम नरेंद्र मोदी की छवि को भी प्रेसीडेंट इलेक्शन में भुनाने की कोशिश में है। क्योंकि अमरीका में बहुतायात में ऐसे भारतीय हैं जो मोदी के कट्टर समर्थक हैं। जिनका वोट ट्रंप को आसानी से मिल सकता है।

यह भी पढ़ेंः-Home Buyers की बढ़ेगी सहूलियत, एक ही प्लेटफाॅर्म पर आएंगे सभी राज्यों के RERA

क्या कहते हैं एक्सपर्ट
जिस तरह से अमरीका चाहता है कि कच्चे तेल पर भारत की निर्भरता अमरीका पर बढ़ जाए। ऐसे में भारत का क्या रुख होने की जरुरत है? इस सवाल के जवाब में अनुज गुप्ता का मानना है कि भारत के लिए कच्चे तेल की आपूर्ति का हल सिर्फ अमरीका नहीं निकाल सकता है। उसके ईरान के साथ भी कुछ समझौते करने होंगे। जिसमें अमरीकी डॉलर को शामिल ना कर दूसरी चीजों का निर्यात भारत द्वारा किया जा सके। साथ ओपेक देशों और सउदी अरब को भी अपने साथ लेकर चलना होगा। ताकि आने वाले दिनों में जिस तरह की स्थितियां बन रही है उसमें भारत को परेशानी ना हो।

Business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार, फाइनेंस, इंडस्‍ट्री, अर्थव्‍यवस्‍था, कॉर्पोरेट, म्‍युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें patrika Hindi News App.