
World Bank said, economic crisis in world will be more worst than 2008
नई दिल्ली। कोरोना वायरस का असर दुनिया के तमाम देशों में देखने को मिल रहा है। आईएमएफ इस आर्थिक संकट की तुलना ग्रेट डिप्रेशन से की है। वहीं वर्ल्ड बैंक की ओर से कहा गया है कि दुनिया में आर्थिक संकट 2008 से ज्यादा भयंकर देखने को मिलेगा। वर्ल्ड बैंक की ओर से कहा गया है कि इस आर्थिक संकट का सबसे ज्यादा असर गरीब देशों में देखने को मिल सकता है। आपको बता दें कि यह सब बातें वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ के बीच सालाना एनुअल मीटिंग के दौरान वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष डेविड मालपास ने कहीं हैं। आपको बता दें कि आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक अपने अनुमानों में दुनिया की इकोनॉकी को लाल निशान की ओर दिखा रहा है।
गरीब देश की जनता को भुगता पड़ेगा आर्थिक संकट
डेविड मालपास के अनुसार इंटरनेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन की ओर से सहायता पाने वाले देशों में दुनिया की सर्वाधिक गरीब आबादी का दो तिहाई हिस्सा रहता है, जिनपर कोरोना वायरस से पैदा हुए आर्थिक संकट का सबसे ज्यादा असर देखने को मिल सकता है। वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष मालपास के अनुसार वो एक बड़ी वैश्विक आर्थिक मंदी का अनुमान लगा रहे हैं। उत्पादन, निवेश, रोजगार और व्यापार में गिरावट को देखकर ऐसा लग रहा है कि यह 2008 से ज्यादा भयानक स्थिति होगी।
160 अरब डॉलर की मदद करने में सक्षम
डेविड के अनुसार वर्ल्ड बैंक आने वाले 15 महीने में 160 अरब डॉलर की मदद करने में सबल है। वहीं आईडीए 50 अरब डॉलर का सस्ता लोन भी देगा। आपको बता दें कि वर्ल्ड बैंक की ओर से 64 विकासशील देशों की मदद की है। वहीं अप्रैल के अंत तक इस सूची को 100 तक ले जाने का अनुमान है। वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष के अनुसार यह मदद गरीब परिवारों को बचाने, कंपनियों को सुरक्षा प्रदान करने और नौकरियां बचाने के तीन सिद्धांतों पर आधारित है।
Updated on:
19 Apr 2020 08:17 am
Published on:
18 Apr 2020 04:32 pm
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