
डोनाल्ड ट्रंप और नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली।विश्व व्यापार संगठन ( world Trade Organization ) ने अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump ) और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi ) से किसानों को लेकर उनके प्लान पर कुछ कड़े सवाल पूछे हैं। दोनों देशों में बीते कुछ समय में किसानों को लेकर बनाए गए प्लान की WTO गहनता से जांच कर रहा है। इस संबंध में बीते सोमवार को WTO की कृषि कमेटी ( Agriculture Committee ) की तिमाही बैठक में सवाल भी सौंपे जा चुके हैं।
62 पन्नों में पूछे गए हैं सवाल
साइज और पेमेंट मोड को लेकर WTO के नियम सख्त हैं और सदस्य देशों की इस बात पर पैनी नजर होती है कि कहीं कोई घपला तो नहीं हो रहा। 62 पेज में पूछे गए ये सवाल 25-26 जून की बैठक में पेश किए जाएंगे। अनुमानत: इसमें सबसे प्रमुख सवाल यह होगा कि दोनों सरकारें इस बात की सफाई दें कि वे गलत तरीक से किसानों की आमदनी बढ़ाने का प्रयास तो नहीं कर रही हैं।
कृषि सेक्टर को सपोर्ट कर रहीं दोनों सरकारें
दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप और नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल के दौरान कृषि क्षेत्र को प्रमुखता से सपोर्ट करने का प्रयास किया है। एक तरफ ट्रंप चीन के टैरिफ वॉर ( tariff war ) से होने वाले नुकसान की भरपाई कृषि क्षेत्र से करना चाहते हैं, वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी के सामने कृषि प्रधान देश में आर्थिक सुस्ती ( economic slowdown ) का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही भारतीय जीडीपी बीते पांच साल के न्यूनमत स्तर पर फिसल कर 5.8 फीसदी के स्तर पर आ गया है।
यूरोपियन यूनियन ने भी पूछा सवाल
यूरोपियन यूनियन ( European Union ) ने भी भारत से सवाल पूछा है कि आखिर कैसे पीएम मोदी कृषि और ग्रामीण विकास के लिए 25 ट्रिलियन रुपये खर्च करने वाले हैं। भारत सरकार का महत्वकांक्षी लक्ष्य है कि साल 2022 तक किसानों की आय को दोगुना किया जाए। ईयू ने सवाल पूछा है, "उत्पादों की वैश्विक कीमत और जरूरत से अधिक उत्पादन न करने के नियमों का पालन करते हुए भारत आखिर कैसे इस लक्ष्य को पूरा करेगा?"
अमरीका ने भी भारत से गैर-बासमती चावल पर 5 फीसदी की निर्यात सब्सिडी और बढ़ती कीमतों पर गेहूं खरीदने को लेकर सवाल पूछा है। अमरीका का कहना है कि गेहूं की रिकॉर्ड उत्पादन के बाद कहीं भारत अधिक मात्रा में इसकी रिकॉर्ड स्टॉकिंग तो नहीं कर रहा है।
अमरीका और ऑस्ट्रेलिया इस बात की जानकारी भी मांग रहे कि कृषि क्षेत्र में भारत ट्रांसपोर्ट और मार्केटिंग को बढ़ावा देगा। दूसरी तरफ, अमरीका को भी ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, यूरोपियन यूनियन, भारत, न्यूजीलैंड और यूक्रेन के सवालों का सामना करना पड़ा है। ट्रंप ने 'मार्केट फैसिलिटेशन पैकेजिंग' के लिए 16 अरब डॉलर खर्च करने का प्लान बनाय है।
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Updated on:
18 Jun 2019 04:05 pm
Published on:
18 Jun 2019 12:44 pm
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