प्रमोशन के मौके पर मनोज शर्मा ने सोशल मीडिया पर अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने लिखा, “ASP से शुरू हुई यात्रा आज भारत सरकार के ऑर्डर से IG बनने तक जा पहुंची है। इस लंबी यात्रा में साथ देने के लिए मन से सभी का आभार।” मनोज शर्मा की प्रदोन्नति न केवल उनकी व्यक्तिगत जीत है बल्कि उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो देश की सेवा करना चाहते हैं।
फिल्म 12th Fail देखने वाले लोगों को पता ही होगा कि आईपीएस मनोज शर्मा का जीवन काफी संघर्ष भरा रहा। उनका जन्म मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में एक बेहद गरीब परिवार में हुआ था। वो कक्षा 9 वीं और 10वीं में तृतीय श्रेणी से पास हुए थे। वहीं 12वीं कक्षा में वे हिंदी को छोड़कर अन्य सभी विषय में फेल हो गए थे। इसी दौरान उन्हें सच्चाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिली और उन्होंने सिविल सेवा के क्षेत्र में आने का फैसला कर लिया।
बिना कोचिंग पहले प्रयास में IAS बनीं श्रद्धा, बचपन से किया है टॉप
IPS मनोज के लिए इस सपने को पूरा करना इतना आसान नहीं था। वो बेहद गरीब परिवार से आते थे, पढ़ने और कोचिंग की फीस देने तक के पैसे नहीं थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। लाइब्रेरी, आटा-चक्की और भी कई ऐसे छोटे-मोटे काम किए और पढ़ने का खर्च निकाला।
लगातार 5 बार असफल होने के बाद आखिरी प्रयास में बनीं IAS अधिकारी
मनोज शर्मा ने चार बार CSE (Civil Service Exams) परीक्षा दी थी और अपने चौथे प्रयास में सफल हुए। उन्होंने ऑल ओवर इंडिया में 121 रैंक हासिल किया था, जिसके बाद उन्हें 2005 में IPS बनाया गया।
IG (Inspector general) का पद पुलिस विभाग में उच्च पदों में शामिल है, जिसे हिंदी में महानिरीक्षक कहते हैं। आईजी पुलिस विभाग के वो अधिकारी होते हैं जिनकी जिम्मेदारी होती है जांच व निरीक्षण करना। IG की वर्दी पर दो तलवारों के साथ एक स्टार होता है।