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बिहार में शिक्षकों को करना पड़ेगा शौचालय सर्वे का काम, जारी हुआ नया फरमान

Published: Jul 09, 2018 03:41:33 pm

सरकारी अध्यापकों को स्कूल में पढ़ाने के अतिरिक्त गैर-शैक्षणिक कार्यों के तहत शौचालय सर्वे का काम भी करना पड़ेगा।

Bihar government teacher

बिहार में शिक्षकों को करना पड़ेगा शौचालय सर्वे का काम, जारी हुआ नया फरमान

बिहार में सरकारी स्कूल के शिक्षकों की अब शामत आने वाली है। इन शिक्षकों पर एक नई जिम्मेदारी आने वाली है। सरकारी अध्यापकों को स्कूल में पढ़ाने के अतिरिक्त गैर-शैक्षणिक कार्यों के तहत शौचालय सर्वे का काम भी करना पड़ेगा। इस तरह का अजीबोगरीब फरमान वैशाली जिले के चेहराकलां के प्रखंड विकास पदाधिकारी ने जारी किया है। इतना ही नही बीडीओ ने इस बाबत पत्र लिखकर हाईस्कूल के शिक्षकों को संबंधित पंचायत में घर-घर जाकर शौचालय सर्वे करने और उसकी रिपोर्ट पेश करने का आदेश भी जारी किया है। इस सर्वे में टीचर्स को यह मालूम करना होगा कि किस घर में शौचालय लगा हुआ है और किस घर में नहीं। हालांकि इस अतिरिक्त जिम्मेदारी के चलते बच्चों के शिक्षण कार्य के प्रभावित होने का खतरा मंडरा रहा है।
इस बाबत शिक्षकों को बाकायदा कार्यशाला लगाकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हालांकि बीडीओं के इस आदेश के बाद शिक्षकों में खलबली मची हुई है और माध्यमिक शिक्षक संघ ने इसे तुगलकी फरमान ठहराते हुए आदेश वापस लेने की मांग कर रहा है। दूसरी ओर संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि बीडीओ को हाईस्कूल के शिक्षकों को आदेश देने का अधिकार नहीं है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार यह अपना यह आदेश तीन दिनों में वापस नहीं लेती है, तो शिक्षक इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे और सड़क पर उतरेंगे। सिंह ने साफ तौर पर कहा कि इस अतिरिक्त काम की वजह से सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में कमी आएगी।
बीडीओं के इस आदेश का विरोध जताते हुए शिक्षकों को कहना है कि अभी मैट्रिक और इंटर परीक्षा 2019 का स्कूलों में रजिस्ट्रेशन चल रहा है। ऐसे में यह आदेश जारी होने से अब शिक्षक क्या करेंगे ? वैसे आपको बता दें इससे पहले शिक्षा विभाग की ओर एक ऐसा अजीबोगरीब फरमान जारी किया गया था। शिक्षकों को खुले में शौच करने वालों लोगों की निगरानी रखने का काम सौंपा गया था, जिस पर बिहार में बवाल मचा था और अंत में सरकार को अपने आदेश वापस लेना पड़ा था।
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