इस बाबत शिक्षकों को बाकायदा कार्यशाला लगाकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हालांकि बीडीओं के इस आदेश के बाद शिक्षकों में खलबली मची हुई है और माध्यमिक शिक्षक संघ ने इसे तुगलकी फरमान ठहराते हुए आदेश वापस लेने की मांग कर रहा है। दूसरी ओर संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि बीडीओ को हाईस्कूल के शिक्षकों को आदेश देने का अधिकार नहीं है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार यह अपना यह आदेश तीन दिनों में वापस नहीं लेती है, तो शिक्षक इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे और सड़क पर उतरेंगे। सिंह ने साफ तौर पर कहा कि इस अतिरिक्त काम की वजह से सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में कमी आएगी।
बीडीओं के इस आदेश का विरोध जताते हुए शिक्षकों को कहना है कि अभी मैट्रिक और इंटर परीक्षा 2019 का स्कूलों में रजिस्ट्रेशन चल रहा है। ऐसे में यह आदेश जारी होने से अब शिक्षक क्या करेंगे ? वैसे आपको बता दें इससे पहले शिक्षा विभाग की ओर एक ऐसा अजीबोगरीब फरमान जारी किया गया था। शिक्षकों को खुले में शौच करने वालों लोगों की निगरानी रखने का काम सौंपा गया था, जिस पर बिहार में बवाल मचा था और अंत में सरकार को अपने आदेश वापस लेना पड़ा था।