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सम्राट चौधरी को मिली सुपर पावर? जानें बिहार के गृह मंत्री के असली अधिकार

Bihar Home Minister Powers: बिहार के गृह मंत्री के असली अधिकार क्या हैं? जानें सम्राट चौधरी को गृह मंत्रालय मिलने के बाद पुलिस, सुरक्षा, खुफिया विभाग और प्रशासन पर कितना नियंत्रण मिला है?

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पटना

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Rahul Yadav

Nov 23, 2025

Bihar Home Minister Powers

Bihar Home Minister Powers (Image: IANS)

Bihar Home Minister Powers: बिहार की राजनीति में इस बार सिर्फ चुनाव नतीजे ही नहीं बल्कि सत्ता का पूरा समीकरण बदल गया है। एनडीए को मिली बड़ी जीत के बाद एक बार फिर नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने, लेकिन तस्वीर कुछ अलग है। सीटों के लिहाज से बीजेपी इस बार बड़े भाई की भूमिका में है और इसका असर मंत्री पदों के बंटवारे में साफ दिख रहा है। वही गृह मंत्रालय, जिस पर नीतीश कुमार लगभग दो दशकों से कब्जा बनाए हुए थे अब बीजेपी के पाले में आ गया है। पार्टी ने यह अहम मंत्रालय अपने नेता सम्राट चौधरी को सौंप दिया है। यह सिर्फ मंत्रालय बदलने का मामला नहीं है बल्कि इसे बिहार की सत्ता में ताकत के बदलाव की शुरुआत माना जा रहा है।

अब सम्राट चौधरी के पास पुलिस और सुरक्षा व्यवस्था की कमान

गृह मंत्रालय मिलते ही सम्राट चौधरी की ताकत सीधी तौर पर कई गुना बढ़ गई है। बिहार जैसे बड़े राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह गृह विभाग के अधीन आती है।

इसका मतलब साफ है कि अब डीजीपी से लेकर एसपी और डीएसपी तक सभी पुलिस अधिकारी सीधे सम्राट चौधरी को रिपोर्ट करेंगे। किसी जिले में हिंसा हो, दंगा फैले या कोई बड़ी गिरफ्तारी करनी हो हर बड़े फैसले में गृह मंत्री की सीधी भूमिका रहेगी। जेल विभाग भी गृह मंत्रालय के अधीन होता है इसलिए कैदियों की व्यवस्था और सुरक्षा की जिम्मेदारी भी अब उन्हीं के पास रहेगी।

सिर्फ पुलिस ही नहीं, किस नेता को कितनी सुरक्षा देनी है और कौन-सी सुरक्षा श्रेणी तय करनी है यह फैसला भी गृह मंत्री ही करते हैं। सबसे अहम बात यह है कि पूरा खुफिया विभाग भी सीधे गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करता है। इसी वजह से माना जा रहा है कि बिहार की सत्ता का बड़ा हिस्सा अब बीजेपी के हाथों में चला गया है।

पुलिस ट्रांसफर-पोस्टिंग पर भी सम्राट चौधरी का कंट्रोल

बिहार में पुलिस विभाग में होने वाले ट्रांसफर और पोस्टिंग को ही सत्ता की असली ताकत माना जाता है। गृह मंत्री बनने के बाद अब सम्राट चौधरी यह तय करेंगे कि किस अफसर को कहां तैनात किया जाए और किसे हटाया जाए। यही अधिकार लंबे समय तक नीतीश कुमार की पहचान रहे हैं जिनकी वजह से उन्हें ‘सुशासन बाबू’ कहा जाता था। लेकिन अब बदलते राजनीतिक हालात में वही शक्ति बीजेपी के नेता के हाथों में पहुंच गई है।

नीतीश कुमार के हाथ में अब कौन-सी ताकतें हैं?

मुख्यमंत्री होने के नाते नीतीश कुमार अब भी प्रशासनिक फैसलों के सबसे ऊपर हैं। जिलों के डीएम से लेकर पूरा सिविल प्रशासन सीधे उन्हीं को रिपोर्ट करता रहेगा। राज्य में योजनाएं बनाना, विकास कार्यों पर नजर रखना और बड़े प्रशासनिक निर्देश देना ये सभी अधिकार अभी भी उनके पास हैं। लेकिन गृह मंत्रालय, जिसके दम पर उन्होंने सालों तक अपनी पकड़ मजबूत रखी थी अब उनके पास नहीं है। इसी वजह से राजनीतिक हलकों में यह चर्चा तेज है कि आने वाले समय में नीतीश कुमार कितनी देर तक पूरी तरह कंट्रोल में रह पाएंगे।

बदलते समीकरण और आने वाले दिनों की राजनीति

बीजेपी को गृह मंत्रालय मिलना सिर्फ मंत्रालयों की अदला-बदली नहीं है यह साफ संकेत है कि दिल्ली और पटना के बीच सत्ता का रुख किस ओर मुड़ रहा है। यह बदलाव आने वाले समय में बिहार की राजनीति और प्रशासन पर बड़ा असर डाल सकता है। एक ओर सम्राट चौधरी की भूमिका लगातार मजबूत होती दिख रही है वहीं दूसरी ओर नीतीश कुमार की कम होती पकड़ पर भी चर्चा तेज है। अब देखना होगा कि यह नया गठबंधन आने वाले दिनों में बिहार के शासन को किस दिशा में ले जाता है।