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CBSE केस स्टडी से तैयार करेगा पॉजिटिव टीचिंग : लर्निंग स्ट्रेटजी

किसी भी सेक्टर को डवलप करने के लिए उसमें रिसर्च की काफी आवश्यकता होती है। एजुकेशन सिस्टम में इसकी इंपोर्टेंस को ध्यान में रखते हुए इस साल CBSE ने पहली बार देशभर के टीचर्स से एजुकेशन से जुड़े विभिन्न विषयों पर केस स्टडीज मांगी है।

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CBSE made major changes

CBSE

किसी भी सेक्टर को डवलप करने के लिए उसमें रिसर्च की काफी आवश्यकता होती है। एजुकेशन सिस्टम में इसकी इंपोर्टेंस को ध्यान में रखते हुए इस साल सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेण्डरी एजुकेशन (CBSE) ने पहली बार देशभर के टीचर्स से एजुकेशन से जुड़े विभिन्न विषयों पर केस स्टडीज मांगी है। बोर्ड ने हाल ही स्कूलों को इस संबंध में सकुर्लर भेजा है। सकुर्लर के अनुसार टीचर्स एजुकेशन सिस्टम में आने वाली चुनौतियों और भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखकर बोर्ड को अपने रिसर्च भेज सकते हैं। सूत्रों की मानें तो टीचर्स से मंगवाए जा रहे इस रिसर्च वर्क के पीछे बोर्ड का उद्देश्य जहां एक ओर शोध को बढ़ावा देना है, वहीं इसके जरिए बोर्ड आने वाले दिनों में नियुक्त किए जाने वाले Resourses पर्सन की तलाश को भी इसके जरिए पूरा करना चाह रही है।

प्रिंसिपल करेंगे वैरीफाई
इसके तहत यदि किसी टीचर ने कोई केस स्टडी तैयार की है, तो उसे स्कूल प्रिंसिपल से वैरिफाई करवाना होगा। दरअसल इस वैरिफिकेशन के तहत प्रिंसिपल यह सुनिश्चित करंेगे कि जो मैटेरियल टीचर भेज रहा है, वो उसका ओरिजनल मैटेरियल है। Experts की मानें, तो बोर्ड की ओर से लर्निंग, टीचिंग सिस्टम, करिकुलम , इंक्लूसिव एजुकेशन, ईको-फ्रैंडली, एजुकेशन सिस्टम जैसे विषयों पर तैयार की जाने वाली रिसर्च स्टडी में से निकलने वाले अच्छे एग्जांपल्स को लेकर आगे बोर्ड की ओर से गाइडलाइंस के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा, वहीं यदि कोई स्कूल अपने यहां किसी भी तरह की कोई एजुकेशनल खामियों से जूझ रहा होगा, तो इन केस स्टडी से उन्हें समाधान निकालना आसान हो जाएगा।

दीक्षा पोर्टल पर करनी है अपलोड
जानकारी के अनुसार देशभर के स्कूलों से मांगे जा रहे इस रिसर्च वर्क को नवबंर के दूसरे सप्ताह तक बोर्ड को भेजना होगा। सभी टीचर्स अपने रिसर्च वर्क (केस स्टडी) को सीबीएसई के दीक्षा पोर्टल पर अपलोड करेंगे। इसके बाद दीक्षा पोर्टल की टीम चयनित केस स्टडीज को पोर्टल पर सभी के लिए जारी करेगी। खास बात यह भी है कि इस रिसर्च में यदि टीचर्स रिसर्च मैटेरियल के तौर पर कोई विडियो या ऑडियो जैसी सामग्श्��ी तैयार करते हैं, तो उसे भी पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं। रिसर्च वर्क के रिफ्रेंसेज (बीबलोग्राफी ) को भी टीचर को बोर्ड को समझाना होगा। स्कूल ग्रुप और इंडीज्युअल एंट्री भी भेज सकते हैं।

खुशेन्द्र तिवारी