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दिल्ली की शिक्षा क्रांति को देखने बहुत से राज्यों की टीमें आई हैं। लेकिन आंध्रप्रदेश के शिक्षा मंत्री ने जिस तरह दिलचस्पी लेकर साथ काम करने और आंध्र आने का आमंत्रण दिया है, यह काफी सराहनीय और स्वागत योग्य है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया तथा आंध्रप्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ. औडिमुलापु सुरेश ने रविवार को दिल्ली सरकार के अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित किया।
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सात दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन में भारत के अलावा यूके, यूएसए, जर्मनी, नीदरलैंड, सिंगापुर, फिनलैंड और कनाडा जैसे सात अन्य देश के 22 शिक्षा विशेषज्ञ शामिल हुए। समापन समारोह में सात दिनों की चर्चा के प्रमुख बिंदुओं पर विचार किया गया।
विचार विमर्श में शैक्षिक सुधारों में राजनीतिक इच्छाशक्ति बढ़ाने, शिक्षक प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए समावेशी प्रशासनिक मशीनरी तैयार करने और विद्यार्थियों पर पाठ्यक्रम का बोझ कम करके ज्यादा इंट्रेक्टिव पाठ्यक्रम की आवश्यकता पर जोर दिया गया। शिक्षक-प्रशिक्षण को बेहतर करने के लिए विशेषज्ञ शिक्षकों का कैडर बनाने, शिक्षकों के लिए सहयोगी व्यावसायिक विकास और परीक्षण के स्कोर तक सीमित रहने के बजाय माता-पिता के फीडबैक को शामिल करने जैसे सुझाव आए।
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सिसोदिया ने कहा, बेरोजगारी या किसी अन्य मजबूरी के चलते स्कूलों को छोड़कर जाने वाले विद्यार्थियों की स्कूली शिक्षा में वापसी कैसे हो, यह काफी महत्वपूर्ण है। हमें उनकी स्किल को डेवलप करना है और उनकी हर संभव सहायता के इंतजाम भी करने होंगे।