
Rajasthan Literacy Rate: अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के मौके पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर (Education Minister Madan Dilawar) ने कोटा में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में कहा कि अगले 5 सालों में राज्य सरकार पूर्ण रूप से साक्षरता लाकर रहेगी। उन्होंने कहा कि अगले पांच सालों में शिक्षक की एक भी पोस्ट खाली नहीं रहेगी। निरक्षरता देश व प्रदेश के माथे पर कलंक है। करीब 80 लाख लोग अभी भी शिक्षा से वंचित हैं, उन्हें आने वाले पांच सालों में साक्षर बनाना है। बता दें, राजस्थान की वर्तमान साक्षरता दर 66.1 प्रतिशत है।
केंद्र सरकार की ओर से लोकसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक, राजस्थान की वर्तमान साक्षरता दर 66.1 प्रतिशत है। कम साक्षरता दर (Rajasthan Literacy Rate) के मामले में राजस्थान पूरे देश में तीसरे नंबर है। कम साक्षरता दर के मामले में बिहार और अरुणाचल प्रदेश राजस्थान से आगे है।
केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर साक्षरता दर और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई सारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इनमें राष्ट्रीय साक्षरता मिशन, सर्व शिक्षा अभियान, पढ़े भारत-बढ़े भारत, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, राष्ट्रीय कौशल विकास, प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान आदि शामिल है।
राज्य सरकार द्वारा महिलाओं को डिजिटल रूप से साक्षर (Rajasthan Literacy Rate) बनाने के लिए इसी वर्ष ई-सखी (Rajasthan E Sakhi Yojana) योजना शुरू किया गया है। बालिकाओं की स्कूल में उपस्थिति बढ़ाने के लिए भी राज्य सरकार द्वारा कई सारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। वहीं निरक्षरों को अक्षर ज्ञान कराने के लिए राज्य ने चार वर्ष पहले बंद पडे़ पढ़ना लिखना अभियान को शुरू किया। वहीं राज्य में बेटियों के लिए मुख्यमंत्री राजश्री योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। इसका उद्देश्य है कि बेटियां माता-पिता पर बोझ न बनें।
Published on:
09 Sept 2024 04:40 pm
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