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Exam History Facts: जिस एग्जाम ने लाखों स्टूडेंट्स की नींद उड़ाई…जानिए उस कॉनसेप्ट का अविष्कार किसने और कब किया था?

Who Invented Exam: एग्जाम का नाम सुनते ही कई लोगों के पसीने छूटने लगते है या तो नानी याद आ जाती है? क्या आप जानते हैं कि परीक्षा की शुरुआत कब और किसने की थी? दुनिया की पहली परीक्षा, उसे बनाने वाले महाशय और भारत में एग्जाम कॉनसेप्ट के इतिहास से जुड़े चौंकाने वाले तथ्य, जिनके बारे में ज्यादातर लोग अभी तक नहीं जानते।

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Exam History Facts

Exam History Facts(Image-Freepik)

Exam History: आज की दुनिया में चाहे स्कूल हो, कॉलेज हो या गवर्नमेंट जॉब की तैयारी, एग्जाम अब जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है जिससे कोई बच नहीं सकता। बोर्ड एग्जाम, एंट्रेंस एग्जाम से लेकर कॉम्पिटेटिव एग्जाम तक हर लेवल पर टेस्ट देना ही पड़ता है। लेकिन क्या कभी आपके मन में ये सवाल आया कि आखिर इस एग्जाम कॉनसेप्ट की शुरुआत कहां से हुई? किसने सबसे पहले तय किया कि किसी इंसान की योग्यता कागज पर लिखे जवाबों से तय होगी? जानिए एग्जाम के इतिहास से जुड़ी अनसुनी कहानी जो किताबों में नहीं मिलती।

Modern Examination System: मॉर्डन एग्जाम सिस्टम के जनक 'हेनरी फिशेल'

मॉर्डन एग्जाम सिस्टम की बात आती है तो सबसे पहले एक नाम जहन में आता है, हेनरी फिशेल जो एक अमेरिकी बिजनेसमैन और प्रोफेसर थे। माना जाता है कि वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने व्यवस्थित लिखित परीक्षा का कॉनसेप्ट दिया।
उनका मानना था कि स्टूडेंट्स के सामान्य ज्ञान और समझ की परख रिटर्न टेस्ट के जरिए की जाए। भले ही परीक्षा का विचार सदियों पुराना था, लेकिन इसे औपचारिक रूप देने और एजुकेशन सिस्टम का हिस्सा बनाने में हेनरी फिशेल का बहुत बड़ा योगदान रहा है।

First Exam in the World: कहां हुई थी दुनिया की पहली बड़ी परीक्षा?

भले ही कॉन्सेप्ट अमेरिका से आया हो, लेकिन इस कॉन्सेप्ट को अपनाने वाला पहला देश चीन बना। चीन ने दुनिया की सबसे पहली ऑर्गेनाइज्ड और बड़े स्तर की परीक्षा आयोजित की थी। जिसका नाम था 'दि इंपीरियल एग्जामिनेशन।' यहां की गवर्नमेंट ने ऑफिसर्स की भर्ती के लिए इंपीरियल एग्जामिनेशन सिस्टम शुरू किया। इस एग्जाम में उम्मीदवारों को लॉ, एडमिनिस्ट्रेशन और नैतिकता से जुड़े सवालों का जवाब देना होता था।

Cambridge Exam History: इंग्लैंड में भी अपनाया गया यह मॉडल

चीन का यह मॉडल धीरे-धीरे दुनिया भर में अपनाया गया। इसका प्रभाव यूरोप पर भी पड़ा। इंग्लैंड में 1806 में पहली बार सिविल सर्विस एग्जाम शुरू की गई। इसके बाद ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज जैसे इंस्टीट्यूट्स ने भी एग्जाम को योग्यता का पैमाना बना दिया। 19वीं सदी के अंत तक ऑक्सफोर्ड और कैंब्रिज जैसी यूनिवर्सिटीज में टेस्ट एक स्टैंडर्ड प्रोसेस बन गया। इतना ही नहीं, 14 दिसंबर,1958 को स्टूडेंट्स ने पहला कैम्ब्रिज असेसमेंट टेस्ट दिया था।

First Exam In India: भारत में पहला एग्जाम कब और कहां हुआ?

भारत में एग्जाम सिस्टम की शुरुआत अंग्रेजों के राज में हुई। दरअसल ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1853 सिविल सर्वेंट अपॉइंट करने के लिए एग्जाम की थी। हैरानी की बात ये है कि यह एग्जाम भारत में नहीं, बल्कि लंदन में आयोजित किया जाता था। इतना ही नहीं, इस परीक्षा को पास करने वाले उम्मीदवारों को घुड़सवारी का टेस्ट भी पास करना पड़ता था। इसके बाद समय-समय पर ब्रिटिश गवर्नमेंट की ओर से इसमें सुधार किए गए।

Public Service Commission: भारत के एजुकेशन सिस्टम में 'लोक सेवा आयोग' की एंट्री

भारत में परीक्षाओं को व्यवस्थित बनाने के लिए ब्रिटिश राज में 'लोक सेवा आयोग' (Public Service Commission) का गठन किया गया। समय के साथ हमारा एजुकेशन सिस्टम ओर बेहतर होता चला गया। आज स्कूल हो या गवर्नमेंट जॉब, सबको पास करने के लिए टेस्ट (परीक्षा) देना ही पड़ता है।