
IIT परिषद की बैठक दो साल में हो रही है। इस तरह की पिछली बैठक फरवरी 2021 में कोविड-19 महामारी के बीच आयोजित की गई थी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Technology) में फीस स्ट्रक्चर में बदलाव, छात्र कल्याण और रिक्त शिक्षक पदों पर चर्चा होने की संभावना है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के नेतृत्व वाली परिषद आईआईटी में प्रशासनिक और अन्य महत्वपूर्ण मामलों को देखती है। इसमें सभी 23 आईआईटी के निदेशक और अध्यक्ष और संसद के सदस्य शामिल हैं। इस बैठक में स्टूडेंट्स का सुसाइड करना, स्टूडेंट्स का डिप्रेशन में जाना मुख्य रूप से चर्चा का विषय होगा। इसके अलावा IIT परिषद की बैठक में आईआईटी में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए पिछले दो वर्षों में किए गए प्रयासों की समीक्षा भी करने की संभावना है।
इतने पद हैं खाली
मंत्रालय द्वारा मार्च में संसद को दी गयी सूचना के अनुसार IIT में 4,500 से अधिक संकाय (faculty) पद खाली थे। आप को बता दे 2019 में परिषद ने कमजोर स्टूडेंट्स के लिए विज्ञान ग्रेजुएशन की डिग्री लेने के लिए तीन साल के बाद बाहर निकलने के विकल्प की अनुमति दी। निर्णय के कार्यान्वयन को IIT पर छोड़ दिया गया था। इसके बाद परिषद अब डिप्लोमा के लिए दो साल बाद बाहर निकलने का प्रस्ताव दे सकती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भी कई प्रवेश और एग्जिट करने विकल्पों की अनुमति देती है।
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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Technology), IIT परिषद की बैठक में इस बात पर भी चर्चा होने की संभावना है कि ट्यूशन फीस बढ़ाई जाए या नहीं। यदि फीस बढ़ाई जाती है तो सरकार शायद ऐसा नहीं होने देना चाहेगी, क्योंकि हाल ही में कुछ विश्वविद्यालयों में फीस बढ़ाये जाने के कारण विरोध प्रदर्शन हुए हैं। इसके अलावा काउंसिल के द्वारा बैठक में इस बात पर डिस्कशन होने की संभावना है कि छात्रों के लिए कैंपस में काउंसलर का ऑप्शन होना चाहिए।
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Published on:
18 Apr 2023 01:45 pm
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