
देश में कितने मेडिकल कॉलेज व MBBS सीट? (Image Source: Gemini AI)
Medical Education: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगले तीन सालों में 1534 करोड़ रुपये की लागत से मौजूदा सरकारी मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में 5,023 एमबीबीएस सीटें और पांच हजार पीजी सीटें जोड़ने की केंद्र प्रयोजित योजना के तीसरे चरण को मंजूरी दे दी है। इस पहल से चिकित्सा की पढ़ाई में बढ़त होगी। अतिरिक्त पोस्टग्रेजुएट सीटें सृजित करके विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ेगी, और सरकारी चिकित्सा संस्थानों में नई विशेषज्ञताएं शुरू करने में मदद मिलेगी। इससे देश में डॉक्टरों की समग्र उपलब्धता मजबूत होगी।
कैबिनेट ने मेडिकल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पीजी और यूजी सीटों को बढ़ाने के लिए 15,034.50 करोड़ रुपए की योजना को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को राज्य सरकार/केंद्र सरकार के मौजूदा मेडिकल कॉलेजों, स्वतंत्र पीजी इंस्टीट्यूट और सरकारी अस्पतालों को मजबूत बनाने और उन्हें अपग्रेड करने के लिए केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) के तीसरे फेज को मंजूरी दे दी है।
इस योजना के तहत 5,000 पीजी सीटें बढ़ाई जाएंगी और मौजूदा सरकारी मेडिकल कॉलेजों के अपग्रेड के लिए सीएसएस को भी बढ़ाया जाएगा, जिससे 5,023 एमबीबीएस सीटें बढ़ेंगी। अब प्रति सीट लागत सीमा को बढ़ाकर 1.50 करोड़ रुपए कर दिया गया है।
इन दोनों योजनाओं का कुल वित्तीय खर्च 2025-26 से 2028-29 के बीच 15,034.50 करोड़ रुपए होगा, जिसमें से केंद्र सरकार का हिस्सा 10,303.20 करोड़ रुपए और राज्य सरकार का हिस्सा 4731.30 करोड़ रुपए होगा।
आज के समय में दुनिया में सबसे अधिक, भारत में 808 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनकी कुल क्षमता 1,23,700 एमबीबीएस सीटें है। पिछले 10 वर्षों में देश में 69,352 नई एमबीबीएस सीटें जोड़ी गईं, जो 127 प्रतिशत की वृद्धि है। इसी अवधि में 43,041 पीजी सीटें भी जोड़ी गईं, जिसमें 143 प्रतिशत की वृद्धि है।
कैबिनेट ने कहा कि इस पहल से अंडरग्रेजुएट मेडिकल क्षमता में बढ़ोतरी होगी, पीजी सीटों की संख्या बढ़ाकर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ेगी और सरकारी मेडिकल संस्थानों में नई स्पेशियलिटी शुरू की जा सकेंगी। कुल मिलाकर इस पहल के साथ देश में डॉक्टरों की कुल उपलब्धता मजबूत होगी।
इस योजना का उद्देश्य भारत में मेडिकल शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्रों को अधिक अवसर प्रदान करना, वैश्विक मानकों के अनुरूप मेडिकल शिक्षा और प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार करना और डॉक्टरों और विशेषज्ञों की उपलब्धता बढ़ाना है। विशेष रूप से, इस पहल से डॉक्टरों, फैकल्टी, पैरामेडिकल स्टाफ, शोधकर्ताओं, प्रशासकों और सपोर्ट सेवाओं के रूप में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
Published on:
25 Sept 2025 12:59 pm
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