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IIT Madras: आईआईटी मद्रास में भी सामने आया जातिगत भेदभाव का मामला, असिस्टेंट प्रोफेसर का इस्तीफा सोशल मीडिया पर वायरल

locationनई दिल्लीPublished: Jul 02, 2021 03:49:50 pm

Submitted by:

Dhirendra

 
IIT Madras: आईआईटी मद्रास के सहायक प्रोफेसर विपिन पी वीटिल ने संस्थान में जातिगत भेदभाव का आरोप लगाया है। आईआईटी प्रबंधन ने कहा है कि नियमानुसार वीटिल की शिकायतों पर ध्यान दिया जाएगा।

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IIT Madras: जातिगत भेदभाव बहुत बड़ी सामाजिक समस्या है, लेकिन देश के सर्वोच्च तकनीक संस्थानों में से एक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास ( IIT Madras ) भी इससे परे नहीं है। आईआईटी मद्रास के सहायक प्रोफेसर विपिन पी वीटिल ने संस्थान के कुछ लोगों पर जातिगत भेदभाव का आरोप लगाया है। इससे परेशान वीटिल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अब उनका इस्तीफा सोशल मीडिया पर चर्चा में है। वायरल त्यागपत्र के मुताबिक अर्थशास्त्र विभाग के संकाय ने दावा किया है कि सत्ता तक अपनी पहुंच रखने वाले लोग इसमें शामिल हैं। वहीं संस्थान ने इस मामले में कहा है कि प्रक्रिया के मुताबिक छात्र और कर्मचारी शिकायतों के सभी मामलों पर तुरंत ध्यान दिया जाएगा।
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प्रोफेसर ने खुद को बताया 2 साल से भेदभाव का शिकार

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (

IIT Madras

) में असिस्टेंट प्रोफेसर वीटिल ने अपने पत्र में कहा कि मार्च 2019 में संस्थान में शामिल होने के बाद से उन्हें भेदभाव का सामना करना पड़ा। उनके साथ भेदभाव कई स्तरों पर हुआ है। उन्होंने ऐसा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। उन्होंने सुझाव दिया है कि संस्थान अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के संकाय सदस्यों के अनुभव का अध्ययन करने के लिए एक समिति का गठन करे। समिति में एससी/एसटी आयोग, ओबीसी आयोग और मनोवैज्ञानिक भी होने चाहिए।1
पेरियार स्टडी सर्कल ने किया री-ट्विट

दूसरी तरफ संस्थान ने कहा है कि प्रक्रिया के अनुसार छात्र और कर्मचारी शिकायतों के सभी मामलों पर तुरंत ध्यान दिया जाएगा। वहीं सोशल मीडिया में वायरल ई-मेल को अंबेडकर पेरियार स्टडी सर्कल द्वारा री-ट्विटकिया गया था। मेल में कहा गया है कि संस्थान को अनुसूचित जाति और ओबीसी संकाय सदस्यों के अनुभवों का अध्ययन करने के लिए एक पैनल का गठन करना चाहिए।
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Web Title: IIT Madras Assistant Professor Alleges Caste Discrimination Resignation Letter Goes Viral

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