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पंजाब में अब शिक्षकों का कोर ग्रुप ही खोजेगा पढाई का असरदार तरीका

पंजाब में पिछले साल सत्तारूढ होने के बाद कैप्टेन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार स्कूली परीक्षा परिणामों में सुधार को लेकर खासी चिंतित है।

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Jameel Ahmed Khan

May 12, 2018

Punjab Education

Punjab School Education

पंजाब में पिछले साल सत्तारूढ होने के बाद कैप्टेन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार स्कूली परीक्षा परिणामों में सुधार को लेकर खासी चिंतित है। पहले ही साल कमजोर परीक्षा परिणामों के मद््देनजर अमरिंदर सिंह सरकार ने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड का चेयरमेंन बदल कर राजस्थान के रिटायर्ड आईएएस मनोहरकांत कलोहिया को चंयरमेंन नियुक्त किया। लेकिन यह बदलाव परीक्षा के करीब एक माह पहले ही होने से इस साल के कक्षा 12 और 10 के परीक्षा परिणाम में मामूली सुधार हुआ। अब मुख्यमंत्री ने एक बैठक में गहन मंथन के बाद पूरे प्रदेश के शिक्षकों को शामिल कर कोर ग्रुप गठित करने का आदेश दिया है। यह कोर ग्रुप स्कूल शिक्षा प्रणाली में सुधार के बारे में सुझाव देगा।

कोर ग्रुंप शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम को निजी व काॅन्वेंट स्कूलों के स्तर पर लाने के बारे में सुझाव देगा। कोर ग्रुप को आगामी 15 जून तक अपनी रिपोर्ट देना होगी। अमरिंदर सरकार की चिंता का कारण यह है कि हाल में आए कक्षा दस के परीक्षा परिणामों में सरकारी स्कूलों के मात्र २९ छात्र मेरिट लिस्ट में स्थान हासिल कर पाए। मेरिट लिस्ट में कुल 401 छात्र थे। प्रदेश के दस जिलों अमृतसर,बरनाला,फतेहगढ साहिब, कपूरथला, पठानकोट, फिरोजपुर, फरीदकोट, तरणतारण और रूपनगर से सरकारी स्कूल का एक भी छात्र मेरिट लिस्ट में स्थान हासिल नहीं कर सका। मेरिस्ट लिस्ट में सबसे अधिक नौ स्थान होंशियारपुर जिले के सरकारी स्कूलों को मिले है। इसके बाद पटियाला,लुधियाना व गुरदासपुर जिलों को तीन-तीन स्थान मिले है। भटिंडा,मानसा और शहीद भगत सिंह नगर जिलों को दो-दो स्थान मिले है। जालंधर,मोगा,मुक्तसर,फाजिल्का,संगरूर जिलों के सरकारी स्कूलों को एक-एक स्थान मिला है।

मेरिट लिस्ट में लुधियाना जिले से सबसे अधिक 94 छात्र आए है। इसके बाद पटियाला जिले से 42, होशियारपुर से 32, संगरूर जिले से 31 और जालंधर जिले से 30 छात्र आए है। सरकारी स्कूलों का सफलता का प्रतिशत भी कमजोर रहा है। यह प्रतिशत 58.14 फीसदी रहा। सहायता प्राप्त स्कूलों का सफलता का प्रतिशत 51.60 प्रतिशत रहा। जबकि सम्बद्ध व आदर्श स्कूलों का प्रतिशत 77.66 प्रतिशत रहा। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी मानते हैं कि निजी स्कूलों में संसाधन और सुविधाएं सरकारी स्कूलों से बेहतर है। अब पढो पंजाब व स्मार्ट क्लासरूम प्रोजेक्ट शुरू किए गए है।


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