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JNU अब नेतागिरी नहीं, Engineering की पढ़ाई के लिए होगा प्रसिद्ध

JNU में नए कोर्स प्रोग्राम में स्टूडेंट्स को जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (JEE Main) की रैंक के आधार पर इंजीनियरिंग कोर्सेज में एडमिशन दिया जाएगा।

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Sunil Sharma

May 23, 2018

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JNU School of engineering

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में इस वर्ष से इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरु हो जाएगी। अब तक ह्यूमनिटीज, सोशल स्टडीज की पढ़ाई तथा छात्र राजनीति के लिए प्रसिद्ध रहा जेएनयू इसी वर्ष जुलाई से इंजीनियरिंग कोर्स पढ़ाएगा।

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18 मई को हुई अकडेमिक काउंसिल की मीटिंग में सरकार ने जेएनयू में नए कोर्स के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। जेएनयू में इंजीनियरिंग का पहला कोर्स कंप्यूटर साइंस इंजिनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड कम्यूनिकेशंस में इंजिनियरिंग डिग्री प्रोग्राम के साथ लॉन्च किया जाएगा। नए कोर्सेज के तहत स्कूल B.Tech. और M.Tech. / MS डिग्री के पांच साल के डूअल डिग्री प्रोग्राम में 50-50 स्टूडेंट्स को लेगा।

इस कोर्स प्रोग्राम में स्टूडेंट्स को जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (JEE Main) की रैंक के आधार पर एडमिशन दिया जाएगा। स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी में सीट जॉइंट सीट ऐलोकेशन अथॉरिटी 2018 के जरिए मिलेगी। कोर्स की सबसे बड़ी खासियत होगी इसका विशेष कॉम्बीनेशन जिसके तहत छात्रों को सोशल साइंस / ह्यूमैनिटीज / साइंस / टेक्नॉलोजी में स्पेशलाइजेशन का ऑप्शन दिया जाएगा।

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नए कोर्स की जानकारी जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की आधिकारिक साइट https://jnu.ac.in/se पर भी देखी जा सकती है। नए कोर्सेज में जेएनयू के नियमित प्राध्यापकों के अतिरिक्त देश विदेश से बुलाए गए गेस्ट फेकल्टीज के भी लेक्चर होंगे।

एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में अप्रुवल मिलने के बाद यूजीसी ने भी इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। साथ ही सरकार ने कोर्सेज चलाने के लिए नई बिल्डिंग बनाने तथा आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलप करने के लिए धनराशि अलॉट कर दी है। बिल्डिंग बनाने का कार्य भी शुरु हो चुका है।