सरकार को भी नहीं चाहिए होंगे सरकारी टीचर
इन दिनों शायद टीचर्स की भर्ती ऐसी अकेली जॉब है जिसके जरिए केन्द्र सरकार व राज्य सरकारें ज्यादा से ज्यादा युवाओं को जॉब देती है परन्तु कितने दिनों तक? क्योंकि इन दिनों सरकारी स्कूलों में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स की संख्या लगातार गिरती जा रही है, एक आंकडे के अनुसार वर्तमान में लगभग 5000 से अधिक स्कूल ऐसे हैं जिनमें एक भी स्टूडेंट नहीं है। ऐसे में बहुत से सरकारी स्कूल भी समय के साथ बंद होते जा रहे हैं जब स्कूल ही नहीं रहेंगे तो टीचर्स कहां पढ़ाएंगे। अतः आने वाले कुछ समय के लिए माना जा सकता है कि सरकारी शिक्षक बनना फायदे का सौदा है लेकिन कुछ समय बाद सरकार भी शायद जॉब निकालना कम कर देगी।
प्राइवेट जॉब में नहीं मिलता सेटिस्फेक्शन
सरकारी जॉब के मुकाबले प्राइवेट टीचिंग जॉब्स में युवाओं को उनकी मनमर्जी का कॅरियर नहीं मिलता। यहां काम का प्रेशर बहुत ज्यादा होता है और सैलेरी बहुत कम। उदाहरण के लिए कुछ प्राइवेट कोचिंग संस्थानों में टीचर्स को लाखों रुपए की सैलेरी मिलती है लेकिन उसके बदले में उन टीचर्स को 10 से 12 घंटे रोजाना छात्रों को पढ़ाना होता है। हाल ही में हुई एक रिसर्च के अनुसार प्राइवेट टीचर्स की तनख्वाह सरकारी टीचर्स की तुलना में एक चौथाई से भी कम है जो युवाओं को बुरी तरह से निराश कर रही है। अतः युवाओं प्राइवेट टीचिंग जॉब बहुत ही मजबूरी में करना पसंद कर रहे हैं।
इनके अलावा भी कई अन्य कारक हैं जिनके आधार पर टीचिंग जॉब का भविष्य निर्भर करता है, ऐसे में आने वाले भविष्य में टीचिंग जॉब्स की डिमांड रहेगी या नहीं, यह कहना अभी जल्दबाजी ही होगी।