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KulMan Ghising Education: Nepal PM की रेस में कुलमन घीसिंग आगे, जमशेदपुर के इस कॉलेज से किए हैं पढ़ाई

KulMan Ghising: 54 वर्षीय कुलमन घिसिंग को नेपाल में वर्षों से चली आ रही लोड शेडिंग की समस्या को समाप्त करने के लिए जाना जाता है।

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भारत

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Anurag Animesh

Sep 11, 2025

KulMan Ghising

KulMan Ghising(Imge Source-'X')

Who Is KulMan Ghising: नेपाल में आंदोलन और सियासी उठापटक ने अलग ही भूचाल ला दिया है। दुनियाभर में नेपाल की चर्चा हो रही है। जनरेशन Z की भी चर्चा हो रही है। जिन्होंने नेपाल पीएम को इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया। यह विरोध प्रदर्शन सबसे पहले सरकार द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद शुरू हुआ था, लेकिन अब यह आंदोलन भ्रष्टाचार, आर्थिक ठहराव और जवाबदेही की मांग की ओर केंद्रित हो गया है। पीएम के इस्तीफे के बाद कई नाम पीएम की रेस शामिल हैं। इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे युवा समूह ने अब नेपाल विद्युत प्राधिकरण (NEA) के पूर्व कार्यकारी प्रमुख कुलमन घिसिंग(KulMan Ghising) को अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए प्रस्तावित किया है।

KulMan Ghising Education: कहां से हुई है पढ़ाई

54 वर्षीय कुलमन घिसिंग को नेपाल में वर्षों से चली आ रही लोड शेडिंग की समस्या को समाप्त करने के लिए जाना जाता है। उन्होंने भारत के रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जमशेदपुर, जो अब NIT जमशेदपुर के नाम से जाना जाता है, से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने नेपाल के पुलचोक स्थित त्रिभुवन विश्वविद्यालय से इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग से पावर सिस्टम इंजीनियरिंग में पीजी डिग्री हासिल की।

घिसिंग ने 1994 में नेपाल विद्युत प्राधिकरण में अपनी सेवाएं शुरू की थीं और लगातार प्रमोट होते हुए 2016 में उन्हें प्राधिकरण का प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया। उनके नेतृत्व में नेपाल ने 18 घंटे तक चलने वाली दैनिक बिजली कटौती से मुक्ति पाई। 2020 में उन्हें इस पद से हटा दिया गया था, लेकिन 2021 में उन्हें दोबारा नियुक्त किया गया।

Nepal PM: पहले प्रस्तावित नामों की अस्वीकृति

इससे पहले काठमांडू के मेयर बालेन्द्र शाह और सर्वोच्च न्यायालय की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को इस पद के लिए प्रस्तावित किया गया था, लेकिन विभिन्न कारणों से उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। जनरेशन Z समूह ने अपने बयान में बताया कि वे बालेन्द्र शाह का समर्थन करते हैं, लेकिन उन्होंने प्रस्ताव स्वीकार करने से इनकार कर दिया। इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि कुलमणि घिसिंग को यह जिम्मेदारी सौंपी जाए।


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