
शिक्षा निदेशक की नियुक्ति शीर्ष अदालत के आदेश का उल्लंघन : सिसोदिया
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को निर्वाचित सरकार को बताए बिना उप राज्यपाल अनिल बैजल द्वारा शिक्षा निदेशक की नियुक्ति को सर्वोच्च न्यायाल के आदेश का 'उल्लंघन' बताकर बैजल की निंदा की। सिसोदिया ने संवाददाताओं से कहा, "शीर्ष अदालत के आदेश को ध्यान में रखते हुए यह साफ है कि उप राज्यपाल द्वारा शिक्षा निदेशक की नियुक्ति अवैध है। यह सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है। निर्वाचित सरकार शिक्षा पर 26 फीसदी खर्च करती है, लेकिन बैजल ने हमसे बात करने की जहमत तक नहीं उठाई।"
उप मुख्यमंत्री ने कहा, शिक्षा के क्षेत्र में दूसरे राज्यों के मंत्री तक हमसे बात करते हैं कि कैसे चीजें होनी चाहिए, लेकिन उपराज्यपाल का कहना है कि सेवा (विभाग) उनके पास है और वह इसे लेकर हमसे चर्चा नहीं करेंगे। बीते सप्ताह सर्वोच्च अदालत ने केंद्र की कार्यकारी शक्ति को सिर्फ जमीन, सार्वजनिक आदेश व पुलिस तक सीमित कर दिया, जबकि दिल्ली की निर्वाचित सरकार को दूसरे विषयों पर काम करने की शक्ति दी। इन विषयों में 'सेवाएं' भी शामिल हैं।
हालांकि, बैजल ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन्हें 'सेवाओं' पर शक्तियों के इस्तेमाल करने की सलाह दी है, क्योंकि 2015 की गृहमंत्रालय की अधिसूचना सर्वोच्च न्यायालय की नियमित खंडपीठ का फैसला आने तक वैध है।
शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए NCERT ने दिए ये सुझाव
राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने सलाह दी है कि विद्यालय प्रबंधन समिति को महीने में कम से कम एक बार अपनी बैठक आयोजित करनी चाहिए और अभिभावकों को इसकी लिखित में सूचना देनी चाहिए। आपको बता दें NCERT ने ये सुझाव स्कूलों में शिक्षा के माहौल एवं गुणवत्ता को बेहतर बनाने तथा सहयोगी वातावरण तैयार करने के लिए दिया है।
इस संबंध में NCERT ने समावेशी शिक्षा विषय पर विद्यालय प्रबंधन समिति के लिए संदर्शिका (मैनुअल) में कहा है कि विद्यालय प्रबंधन समिति की संरचना इस तरह की जानी चाहिए कि समाज के विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके। इसमें वंचित समूहों, महिलाओं को भी प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए।
Published on:
10 Jul 2018 07:30 pm
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