
Sushila Karki (Photo- x @Routine of Nepal banda)
Nepal New PM: नेपाल में चल रहे हिंसा के बाद वहां के पीएम केपी ओली ने इस्तीफा दे दिया था। इस बीच अब खबर है कि सुशीला कार्की देश की अंतरिम सरकार की अगुवाई करेंगी। पीएम के तौर पर उनका नाम फाइनल हो गया है। इससे पहले एक और नाम बालेन शाह का चर्चा में आया था। सुशीला एक जज और लेखक हैं, यह जनरेशन Z (Gen Z) के युवाओं की पसंद बनी चुकी हैं। तो आइए जानते हैं इनके बारे में और कैसे यह Gen Z की पसंद बनीं और कितनी पढ़ी-लिखी हैं।
सुशीला कार्की ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) से पढ़ाई की हैं। सुशीला कार्की नेपाल की सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला चीफ जस्टिस भी रह चुकी हैं। उन्हें भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने फैसलों के लिए जाना जाता है, जैसे कि एक मंत्री को भ्रष्टाचार के आरोप में जेल भेजना। नेपाल के युवाओं ने भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और सोशल मीडिया ऐप्स पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन किया। इसी के चलते प्रधानमंत्री केपी ओली को इस्तीफा भी देना पड़ा।
सुशीला कार्की ने 1972 में महेन्द्र मोरंग कैंपस, बिराटनगर से आर्ट्स में बैचलर डिग्री (BA) पूरी की। फिर 1975 में उन्होंने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU), वाराणसी से पॉलिटिकल साइंस में मास्टर्स की डिग्री ली। इसके बाद, 1978 में उन्होंने त्रिभुवन यूनिवर्सिटी, नेपाल से लॉ (कानून) में बैचलर डिग्री हासिल की। बनारस में पढ़ाई के दौरान दुर्गा प्रसाद सुबेदी से शादी की थी। दुर्गा प्रसाद सुबेदी उस समय नेपाली कांग्रेस के एक लोकप्रिय युवा नेता थे।
जनरेशन Z (Gen Z) के प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को एक वर्चुअल मीटिंग करके सुशीला कार्की को सरकार का प्रमुख बनाने का फैसला किया। इस मीटिंग में करीब 5,000 लोगों ने हिस्सा लिया। Gen Z नेता रक्ष्या बम के ने कहा कि हमने सुशीला कार्की को नए सरकार के प्रमुख के रूप में प्रस्तावित किया है। आज इसे औपचारिक रूप से अंतिम रूप दिया जा रहा है।" बताया जा रहा है कि काठमांडू के मेयर बलेन शाह को प्राथमिकता नहीं दी गई, जबकि उन्हें भी विकल्प के तौर पर माना जा रहा था।
सुशीला कार्की का जन्म 7 जून 1952 को बिराटनगर, नेपाल में हुआ था। सुशीला कार्की अपने माता-पिता के सात बच्चों में सबसे बड़ी बेटी हैं। वे बिराटनगर के कर्की परिवार से ताल्लुक रखती हैं। सुशीला कार्की 2016 में नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस बनीं। उन्होंने अपने न्यायिक करियर में ईमानदारी और निडर फैसलों के लिए नाम कमाया। उनका सफर 1979 में बिराटनगर से वकील बनने से शुरू हुआ। धीरे-धीरे उन्होंने कोर्ट में अपनी पहचान बनाई और 2009 में सुप्रीम कोर्ट जस्टिस बनीं। फिर 2016 में नेपाल सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस बनीं। उस समय नेपाल के राष्ट्रपति, संसद के स्पीकर और चीफ जस्टिस, तीनों पद महिलाओं के पास थे, जो एक बहुत बड़ा ऐतिहासिक पल था।
कार्यकाल में लिए कई बड़े फैसले
उनके कार्यकाल में कई बड़े फैसले आए। उन्होंने कई ऐसे फैसले दिए, जैसे नेपाली महिलाओं को अपने बच्चों को नागरिकता देने का अधिकार। हालांकि 2017 में उनके कुछ फैसलों से सत्ताधारी सरकार नाराज भी हुई थी, तब उनके खिलाफ महाभियोग की पेशकश भी की गई थी। अब जनरेशन Z के समर्थन से सुशीला कार्की नेपाल की अंतरिम सरकार की अगुवाई करने जा रही हैं। उनकी ईमानदारी और संघर्ष के लिए लोग उन्हें बेहद पसंद कर रहे हैं।
Updated on:
12 Sept 2025 08:06 pm
Published on:
10 Sept 2025 06:58 pm
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