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नेपाल में तख्ता पलट की खबरों के बीच सामने आया एमपी से नाता, जानें कितना गहरा है कनेक्शन

Nepal connection with MP: दो परिवारों का नहीं, वो कनेक्शन था दो देशों का... जिसे सुनहरे इतिहास के रूप में याद किया जाता है... क्या आप जानते हैं एक राजकुमारी और एक राजकुमार की शादी का ये किस्सा...

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Nepal Connection with MP

Nepal Connection with MP (फोटो: सोशल मीडिया)

Nepal connection with mp: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया का नेपाल से गहरा कनेक्शन है। वे नेपाल के एक राजघराने से ताल्लुक रखती थीं। उनके दादा शमशेर जंग बहादुर राणा (Bir Shumsher Jung Bahadur Rana) नेपाल के प्रधानमंत्री थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता, कांग्रेस के दिग्गज नेता और सिंधिया राजशाही परिवार के महाराजा माधवराव सिंधिया के साथ शादी से पहले माधवी राजे का नाम प्रिंसेस किरण राज्यलक्ष्मी देवी था। लेकिन 1966 में माधवराव सिंधिया (Madhavrao Scindia) के साथ जब उनका विवाह हुआ, तो वे माधवी राजे सिंधिया कहलाईं।

नाम बदलकर निभाई मराठी परम्परा

दरअसल सिंधिया परिवार मराठी समाज से आता है। मराठी समाज में शादी के बाद लड़की का नाम बदलने की परम्परा होती है। इस परम्परा को निभाते हुए बिना किसी ना नुकुर के उन्होंने भी अपना नाम किरण राजलक्ष्मी से बदलने की अनुमति दे दी। जिसके बाद ससुराल पक्ष ने उनका नाम माधवीराजे सिंधिया रख दिया। एक महारानी के रूप में अपनी पहचान बनाने वाली माधवीराव सिंधिया को 2001 में उनके पति और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया के निधन के बाद राजमाता माधवी राजे के नाम से संबोधित किया जाने लगा।

नेपाल राजघराने से आया प्रस्ताव, तो शादी में चलवानी पड़ी ट्रेन

नेपाल की राजकुमारी और ग्वालियर के महाराज की शादी की चर्चा की बड़ी वजह ट्रेन भी बनी। एक बडा़ ही रोचक किस्सा है, जिसके मुताबिक 60 के दशक में सिंधिया परिवार में नेपाल राजघराने से शादी का प्रस्ताव पहुंचा था, जिसे ग्वालियर राजघराने से स्वीकार कर लिया। 8 मई, 1966 को दिल्ली में दोनों की धूमधाम से शादी की गई। राजशाही और मराठी परम्पराओं को निभाते हुए उनका विवाह संपन्ना हुआ। इस राजशाही शादी के अवसर पर अकेले ग्वालियर से ही बड़ी संख्या में लोग दिल्ली पहुंचे थे। तब ग्वालियर से दिल्ली तक स्पेशल ट्रेन चलाई गई ताकि, लोग शादी के इस आयोजन में आसानी से पहुंच सकें।

शादी से पहले होने वाली पत्नी से मिलना चाहते थे माधव राव सिंधिया

बताया जाता है कि ग्वालियर के राजकुमार माधवराव सिंधिया के लिए विवाह के कई प्रस्ताव आए थे। उन्हीं युवतियों की तस्वीरों में से एक तस्वीर थी नेपाल के प्रधानमंत्री, कास्की और लमजुंग के महाराजा, गोरखा के सरदार रामकृष्ण कुंवर के पैतृक वंशज शमशेर जंग बहादुर राणा की पोती किरण राज्यलक्ष्मी देवी की। उस दौरान ग्वालियर राजघराने की राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने इस विवाह के प्रस्ताव को मंजूर कर विवाह पक्का कर दिया। तब माधवराव सिंधिया अपनी होने वाली पत्नी से मिलना चाहते थे।

लेकिन दिल में ही रह गई हसरत

लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इस हसरत को दिल में ही लिए उन्हें राज्यलक्ष्मी को देखने और उनसे मिलने का मौका तभी मिला जब किरण राज्यलक्ष्मी से माधवीराजे सिंधिया बन गईं और ग्वालियर राजघराने की बहू बन गईं। यानी जब उनका विवाह संपन्न हो गया, उसके बाद ही वो उन्हें देख और उनसे मिल सकें।