
जिस तरह एक मां Mother अपने बच्चों का पालन-पोषण करती है, उसी तरह पेड़ों Tree की देखभाल और संरक्षण भी किया जाना चाहिए। मां के नाम पर एक पेड़ अभियान, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
ये बातें राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कही। वे बुधवार को तुमकूरु विश्वविद्यालय के 17वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की महत्वपूर्ण आवश्यकता और शिक्षा की परिवर्तनकारी भूमिका पर जोर दिया। पर्यावरण असंतुलन के ज्वलंत मुद्दे पर प्रकाश डाला और पर्यावरण की रक्षा और संवर्धन के लिए सामूहिक प्रयास का आग्रह किया।
राज्यपाल गहलोत ने कहा कि नालंदा और तक्षशिला जैसे प्राचीन संस्थानों ने सीखने के लिए वैश्विक मानक स्थापित किए हैं। उन्होंने मानव संसाधनों को आगे बढ़ाने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में तकनीकी शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों से तेजी से हो रही तकनीकी प्रगति से आगे रहने और राष्ट्रीय विकास को गति देने के लिए मेड इन इंडिया और मेक इन इंडिया पहलों में योगदान देने का आग्रह किया। अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और भारत को एक अग्रणी विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. एम. सी. सुधाकर, इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. ए.एस. किरण कुमार, कुलपति प्रो. एम. वेंकटेश्वरलु, जिला आयुक्त शुभा कल्याण और सीइओ प्रभु जी.वी. ने भी समारोह में हिस्सा लिया।
Published on:
08 Aug 2024 08:49 pm
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