
New Education Policy : स्कूली शिक्षा में बड़ा बदलाव
निजी स्कूलों में RTE के गरीब बच्चों के प्रवेश की प्रक्रिया भले ही शुरू हो गई हो, लेकिन पूरी सीटों पर एडमिशन नहीं हो सकेंगे। ज्यादातर निजी स्कूलों में बगैर RTE के सामान्य विद्यार्थियों के प्रवेश अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। जब तक सामान्य विद्यार्थियों के प्रवेश नहीं होंगे, तब तक RTE के प्रवेश भी नहीं हो सकेंगे।
शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों को 31 अगस्त तक RTE के तहत प्रवेश करके पोर्टल को लॉक करने के आदेश दिए हैं। ऐसे में RTE की सीटों पर भी असर पड़ सकता है। प्रदेश में 31,038 निजी स्कूलों में करीब चार लाख विद्यार्थियों ने प्रवेश के लिए आवेदन जमा करवाए हैं।
ऐसे मिलता है एडमिशन
RTE के तहत निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटों पर जरूरतमंद बच्चों को प्रवेश दिया जाता है। पोर्टल पर मौजूद मैट्रिक्स सीट में स्कूलों को पहले तीन स्थान पर सामान्य (फीस लेकर प्रवेश देने वाले बच्चे) की एंट्री की जाती है। इसके बाद चौथे स्थान पर RTE के तहत प्रवेश पाने वाले बच्चे की। जितने बच्चों को फीस लेकर प्रवेश दिया जाता है, उसके एक-चौथाई बच्चों के RTE के तहत प्रवेश दिया जाता है।
Published on:
18 Aug 2020 10:30 am
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