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पिता की लाडली Priyanka Bishnoi: जानिए RAS अधिकारी बनने का सफर और दुखद अंत

RAS Priyanka Bishnoi: जोधपुर की सहायक कलक्टर प्रियंका बिश्नोई ने बुधवार की रात अहमदाबाद के निजी अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली। 5 सितंबर को वे जोधपुर के निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुई थी।

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Priyanka Bishnoi

RAS Priyanka Bishnoi: राजस्थान ने अपनी होनहार बेटी और महिला अफसरप्रियंका बिश्ननोई को खो दिया। जोधपुर (Jodhpur News) की सहायक कलक्टर प्रियंका बिश्नोई ने बुधवार की रात अहमदाबाद के निजी अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली। 5 सितंबर को वे जोधपुर के निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुई थी। हालत बिगड़ने पर उन्हें अहमदाबाद रेफर किया, जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। प्रियंका बिश्नोई की मौत से न सिर्फ परिवार वाले सदमे में हैं बल्कि बिश्नोई समाज समेत पूरे जोधपुर में मातम छा गया है।

2016 में बनी थीं RAS 

प्रियंका बिश्नोई (SDM Priyanka Bishnoi) का जन्म राजस्थान (Rajasthan News) के बीकानेर स्थित में एक साधारण परिवार में हुआ था। उनके पिता रिषपाल बिश्नोई पेशे से वकील हैं। वर्ष 2016 में उनका RAS में चयन हुआ। ग्रामीण परिवेश से आने के कारण उन्होंने अपने कार्यक्षेत्र में बहुत कम समय में स्थानीय लोगों के बीच जगह बना ली। 

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इस तरह आया था अफसर बनने का ख्याल (Priyanka Bishnoi)

शुरू से ही प्रियंका पढ़ने में अच्छी थीं। उन्होंने हिंदी मीडियम से ही पढ़ाई की थी। उनकी शुरुआती शिक्षा अपने गांव के एक स्कूल से हुई थी। एक इंटरव्यू के दौरान प्रियंका ने बताया था कि अपने स्कूल प्रतियोगिता में एक बार उन्हें पुरस्कार जीतने का मौका मिला था। 8वीं कक्षा की प्रियंका बिश्नोई को उपखंड अधिकारी से सम्मानित होने का मौका मिला। ये अधिकारी लाल बत्ती वाली गाड़ी से आए थे। तब से प्रियंका के मन में सिविल सर्विस के ख्याल आने लगे। उन्होंने मन बना लिया था कि अफसर ही बनना है।

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पिता ने किया था प्रेरित (Priyanka Bishnoi)

ग्रेजुएशन की बाद प्रियंका बिश्नोई ने बैंकिंग की भी तैयारी की थी। इस दौरान उनका चयन हो गया था। लेकिन जाति प्रमाण-पत्र बनवाने में उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उनके पिता ने उन्हें SDM बनने के लिए प्रेरित किया। अंतत: वर्ष 2016 में उन्होंने RAS परीक्षा सफलता हासिल कर ली।