scriptSainik School Founders: दो शख्स जिनके कारण देशभर में बने सैनिक स्कूल, जानिए कौन थे वो | Sainik School Founders due to Dr Sampurnanand V K Krishna Menon sainik schools were established across the country | Patrika News
शिक्षा

Sainik School Founders: दो शख्स जिनके कारण देशभर में बने सैनिक स्कूल, जानिए कौन थे वो

Sainik School: भारत के तत्कालीन रक्षामंत्री वी. के. कृष्ण मेनन(V.K. Krishna Menon) ने 1961 में पूरे देश में सैनिक स्कूलों की स्थापना की योजना पेश की। उन्होंने महसूस किया कि देश के ग्रामीण और…

भारतJun 08, 2025 / 06:56 pm

Anurag Animesh

Sainik School

Sainik School Symbolic AI Image

Sainik School Founders: आज देशभर में जो सैनिक स्कूल मौजूद हैं, वो सिर्फ एक शैक्षणिक ढांचा नहीं, बल्कि एक ऐसा मंच हैं जहां से हजारों युवाओं को सेना में प्रवेश कर सैन्य अधिकारी बनने का मार्ग मिला है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस पूरे की कारवां की शुरुआत किन दो महापुरुषों के प्रयासों से हुई थी? ये दो शख्स थे, “डॉ. सम्पूर्णानंद” और “वी. के. कृष्ण मेनन”। डॉ. सम्पूर्णानंद तत्कालीन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। वहीं वी. के. कृष्ण मेनन तब के देश के रक्षा मंत्री थे। इन दोनों के प्रयास के कारण भारत में सैनिक स्कूलों की आधारशिला रखी गई।
यह खबर भी पढ़ें:- ये हैं B.Tech के 3 सबसे ज्यादा पॉपुलर ब्रांच

Sainik School Founders

डॉ. सम्पूर्णानंद: पहले सैनिक स्कूल की कल्पना करने वाले

उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. सम्पूर्णानंद ने 15 जुलाई 1960 को कैप्टन मनोज कुमार पांडेय उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल, लखनऊ की स्थापना की थी। यह भारत का पहला सैनिक स्कूल था, जिसे एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया था। डॉ. सम्पूर्णानंद ने देखा कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश का सेना में अधिकारी स्तर पर प्रतिनिधित्व बहुत कम था। इसी असंतुलन को दूर करने के लिए उन्होंने लखनऊ के सरोजिनी नगर में इस विद्यालय की नींव रखी। इसका उद्देश्य था, ग्रामीण और सामान्य वर्ग के छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा देना, साथ ही उन्हें फिजिकल फिटनेस, अनुशासन और नेतृत्व जैसे गुणों से तैयार करना ताकि वे NDA जैसे सैन्य संस्थानों में चयनित हो सकें। प्रशासनिक मॉडल की बात करें तो यह स्कूल UP सैनिक स्कूल सोसाइटी के अधीन संचालित होता है और इसकी पूरी वित्तीय सहायता राज्य सरकार द्वारा दी जाती है।

वी. के. कृष्ण मेनन: सैनिक स्कूलों की राष्ट्रीय योजना के जनक

भारत के तत्कालीन रक्षामंत्री वी. के. कृष्ण मेनन(V.K. Krishna Menon) ने 1961 में पूरे देश में सैनिक स्कूलों की स्थापना की योजना पेश की। उन्होंने महसूस किया कि देश के ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर तबके के छात्रों को सैन्य अधिकारी बनने का अवसर मिलना चाहिए, जिससे सेना में सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके। मेनन का मानना था कि पारंपरिक स्कूलों में वह अनुशासन, सैनिक प्रशिक्षण और नेतृत्व की शिक्षा नहीं दी जा सकती, जो एक भावी सैन्य अधिकारी में होनी चाहिए। इसलिए उन्होंने राज्यों में आवासीय सैनिक स्कूलों की स्थापना की वकालत की।
1961 में महाराष्ट्र के सतारा में पहला केंद्रीय सैनिक स्कूल खोला गया और इसके बाद केरल, गुजरात सहित अन्य राज्यों में सैनिक स्कूलों की स्थापना हुई। यह पूरा नेटवर्क रक्षा मंत्रालय के अधीन संचालित होता है और इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को NDA, INA आदि के लिए तैयार करना है। जहां एक ओर डॉ. सम्पूर्णानंद ने पहला सैनिक स्कूल(Sainik School) स्थापित कर इसकी उपयोगिता को साबित किया, वहीं वी. के. कृष्ण मेनन ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार देने का कार्य किया। दोनों की सोच थी कि भारतीय सेना में अधिकारी स्तर पर ग्रामीण, मध्यम वर्ग और सभी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व हो।

आधिकारिक पहला सैनिक स्कूल महाराष्ट्र में बना


हालांकि सैनिक स्कूल लखनऊ 1960 में बना था, लेकिन यह उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल सोसाइटी द्वारा संचालित होता है, न कि सैनिक स्कूल सोसाइटी द्वारा। देशभर में जो सैनिक स्कूल संचालित हो रहा है, वो सैनिक स्कूल सोसाइटी द्वारा संचालित किया जाता है। पहला आधिकारिक सैनिक स्कूल जो सैनिक स्कूल सोसाइटी द्वारा संचालित होता है, वो सातारा (महाराष्ट्र) में 23 जून 1961 को खोला गया था। हालांकि सैनिक स्कूल की परिकल्पना सैनिक स्कूल लखनऊ से ही शुरू होती है।

Hindi News / Education News / Sainik School Founders: दो शख्स जिनके कारण देशभर में बने सैनिक स्कूल, जानिए कौन थे वो

ट्रेंडिंग वीडियो