
SDM Rahul Sinha(Image-Instagram)
Success Story: हमने ये बात कई बार सुनी है कि आपके क्लास के मार्क्स आपकी काबिलियत को सटीक तरीके से नहीं बता सकते। अगर कोई छात्र किसी परीक्षा में फेल हो गया है, इसका मतलब ये नहीं है कि वो कम टैलेंटेड है या वो भविष्य में कुछ अच्छा नहीं कर सकता है। ऐसे ही एक प्रेरणादायक उदाहरण हैं बिहार के Rahul Sinha, जिन्होंने तमाम असफलताओं और मुश्किलों के बावजूद अपने लक्ष्य को हासिल किया।
राहुल सिन्हा की शुरुआती पढ़ाई औसत रही। उन्होंने 10वीं की परीक्षा केवल 52% अंकों के साथ पास की थी। बचपन से उनका सपना था कि वो आईआईटी से पढ़ाई करें। उन्होंने इसकी तैयारी भी की और एक बार नहीं, बल्कि तीन बार आईआईटी एंट्रेंस एग्जाम में भाग लिया। लेकिन हर बार असफलता हाथ लगी। लगातार मिलने वाली इन नाकामियों ने भी उनके आत्मविश्वास को नहीं तोड़ा।राहुल ने हार नहीं मानी और 12 साल तक संघर्ष करते हुए अपने लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाते रहे। उनकी मेहनत और लगन का ही परिणाम था कि बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) 2019 की परीक्षा में उन्होंने 92वीं रैंक हासिल की और वर्तमान में वे उप-विभागीय पदाधिकारी (SDM) के रूप में कार्यरत हैं।
राहुल ने बीपीएससी मेंस परीक्षा में 538 अंक और इंटरव्यू में 102 अंक प्राप्त किए। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए अपनी कहानी साझा की, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने हर असफलता को एक सीख की तरह लिया। राहुल का मानना है, “जब जागो तभी सवेरा”, यानी शुरुआत कभी भी की जा सकती है, बस इरादे मजबूत होने चाहिए। उनकी इस ईमानदार और प्रेरणादायक यात्रा को सोशल मीडिया पर काफी सराहा गया है।
Updated on:
11 Sept 2025 01:07 pm
Published on:
10 Sept 2025 08:12 pm
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