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रोज 42 Km का सफर, जॉब के साथ UPSC की तैयारी, आखिरकार बनी IPS, कुछ ऐसी है अमेठी की बेटी की कहानी

Success Story Of IPS Shambhavi Mishra: शांभवी मिश्रा यूपी के अमेठी की रहने वाली हैं। वे बचपन से ही काफी मेहनती थीं। उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में UPSC परीक्षा में सफलता हासिल कर ली।

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Shambhavi Mishra IPS Success Story

Success Story Of IPS Shambhavi Mishra: यूपीएससी देश व दुनिया की कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। इस परीक्षा में पास होने के लिए जी-तोड़ मेहनत करनी पड़ती है। लेकिन कई बार कड़ी मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिलती। हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो विपरित परिस्थितियों में भी सफलता का परचम लहराते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है उत्तर प्रदेश के अमेठी से आने वाली शांभवी मिश्रा की।

बीटेक के आखिरी वर्ष में शुरू की तैयारी (UPSC Success Story)

शांभवी मिश्रा यूपी के अमेठी की रहने वाली हैं। वे बचपन से ही काफी मेहनती थीं। उन्हें हमेशा से ह्यूमैनिटीज विषय में दिलचस्पी थी। लेकिन उनकी तहसील में ये विषय नहीं था। ऐसे में उन्हें मजबूरी में साइंस लेकर पढ़ाई करनी पड़ी। 12वीं के बाद शांभवी मिश्रा ने बीटेक की डिग्री हासिल की। बीटेक के तीसरे वर्ष में ही उन्होंने UPSC CSE परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। 

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नौकरी के साथ इस तरह की तैयारी

कुछ कर दिखाने के सपने के साथ साथ शांभवी को जल्द से जल्द करियर में सेट भी होना था। उन्होंने बीटेक के बाद बैंक पीओ परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। नौकरी तो मिल गई लेकिन अब एक अलग लेवल का संघर्ष शुरू हो गया। उन्हें बैंक से घर तक आने के लिए 42 किलोमीटर तक का सफर तय करना पड़ता था, जिसमें तकरीबन 4 घंटे लगते थे। IPS शांभवी इस समय का सदुपयोग करते हुए अखबार पढ़ने से लेकर नोट्स रिवाइज करने का काम किया करती थीं। 

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दूसरे प्रयास में 199वीं रैंक के साथ हासिल की सफलता (Success Story)

इस तरह नौकरी के साथ भी उनकी तैयारी होती रही और पहले ही प्रयास में उन्होंने प्रीलिम्स और मेन्स क्लियर कर लिया। लेकिन इंटरव्यू में असफलता मिली। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और फिर से प्रयास किया। अपने दूसरे प्रयास में वर्ष 2018 में शांभवी मिश्रा ने 199वीं रैंक के साथ IPS का पद हासिल कर लिया। उन्होंने अपनी सफलता का क्रेडिट अपने माता-पिता को दिया, जिन्होंने हर कदम पर उनका साथ दिया।