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Success Story: किसान के बेटे ने किया कमाल! Rajasthan के इस छोटे से गांव से निकलकर तय किया पहले IIT फिर UPSC तक का सफर

Success Story Of Farmers Son: बारां जिले के छोटे से गांव चैनपुरिया के निवासी मयंक चौधरी ने यूपीएससी IES क्रैक करके सभी को चौंका दिया। वे किसान परिवार से आते हैं।

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Success Story Of Baran Farmers Son

Success Story Of Farmers Son: राजस्थान में प्रतिभा की कमी नहीं। यहां के बारां जिले (Baran District) के छोटे से गांव चैनपुरिया के निवासी मयंक चौधरी ने यूपीएससी में पास करके इस बात को साबित कर दिया। एक किसान परिवार से आने वाले मंयक चौधरी देश की सबसे कठिन परीक्षा में से एक यूपीएससी IES पास करके अफसर बन गए। उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की इंजीनियरिंग सेवा में 44वीं रैंक हासिल की है।

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इस आईआईटी से की है पढ़ाई

मयंक चौधरी के पिता किसान हैं और माता गृहिणी हैं। उनकी स्कूली पढ़ाई बारां से हुई है। उन्होंने 2015 में बारां केंद्रीय विद्यालय से 10वीं परीक्षा पास की है। इसके बाद वे कोटा में जेईई परीक्षा की तैयारी के लिए आए और पहले ही प्रयास में IIT क्रैक कर लिया। लेकिन अच्छे रैंक के लिए उन्होंने दोबारा परीक्षा दी और IIT Bombayसे सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। बीटेक की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी शुरू की। यूपीएससी से पहले मयंक चौधरी का चयन IOCL (Indian Oil Corporation Limited) में भी चयन हो गया था। उन्होंने बतौर मार्केटिंग ऑफिसर गुजरात के बडोदरा में ज्वॉइन किया था।

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इस तरह हासिल की सफलता (Success Story)

मयंक ने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा में प्रीलिम्स और मेन्स क्लियर कर लिया। लेकिन इंटरव्यू में कुछ कमी रहने के कारण उनका सेलेक्शन नहीं हो पाया। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और इस बार यूपीएससी इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा 2024 में 44वीं रैंक हासिल की।