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ग्राफिक डिजाइनर से Auto Driver बनने तक का सफर, कमलेश कामेतकर की कहानी आपको सोचने पर मजबूर कर देगी

Success Story Of Graphic Designer Turns Auto Driver: मुंबई के ग्राफिक डिजाइनर कमलेश कामेतकर जो पांच महीने से बिना जॉब के हैं। उन्होंने मुंबई की सड़कों पर ऑटो चलाने का फैसला लिया।

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Success Story Of Graphic Designer Turns Auto Driver

Success Story Of Graphic Designer Turns Auto Driver: ऊपर से नीचे आने की प्रक्रिया सिर्फ ग्रैविटी की थ्योरी के अनुसार ही सहज लगती है। असल जीवन में यदि कोई शख्स तरक्की का स्वाद चखने के बाद हारने लगे तो उसकी कहानी नहीं बनती। आमतौर पर ऐसे व्यक्ति की मिसाल नहीं दी जाती। फिर कमलेश कामेतकर (Kamlesh Kametkar) में ऐसा क्या खास है, जिसके कारण ग्राफिक डिजाइनर से ऑटो ड्राइवर बनने पर उनकी खूब चर्चा होने लगी। आइए, जानते हैं कमलेश की सफलता की कहानी

5 महीने से बिना किसी जॉब के हैं कमलेश (Kamlesh Kametkar)

कमलेश की पढ़ाई लिखाई मुंबई से ही हुई है और उन्हें करीब 14 सालों का अनुभव है। इतने लंबे समय से कॉर्पोरेट में काम करने के बाद भी जब ले-ऑफ में उन्हें निकाला गया तो बहुत कोशिश करने के बाद भी उन्हें जॉब नहीं मिली। कमलेश पिछले 5 महीने से बिना किसी जॉब के हैं। लंबे वक्त तक नौकरी न मिलने से परेशान होकर कमलेश ने मुंबई जैसे शहर में जीविका के लिए ऑटो चलाना शुरू कर दिया। 

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लिंक्डइन पोस्ट की मदद से सुनाई आपबीती

कमलेश (Kamlesh Kametkar LinkedIn) के लिंक्डइन पोस्ट से पता चलता है कि वे पिछले पांच महीने से जॉब की तलाश में हैं। कंपनी की लागत में कटौती होने के कारण उन्हें अपनी नौकरी खोनी पड़ी। कमलेश असिस्टेंट क्रिएटिव मैनेजर के रूप में इस कंपनी में काम कर रहे थे। ग्राफिक डिजाइनिंग के क्षेत्र में अलग-अलग कंपनियों में काम करते हुए उन्हें अबतक 14 साल का अनुभव हो गया है। कमलेश के इस पोस्ट पर 1427 कॉमेंट्स हैं और 262 लोगों ने इसे री-पोस्ट किया है। वहीं इसे 8,591 लोगों ने लाइक किया है। लोग इस पर तरह तरह के कॉमेंट कर रहे हैं। किसी ने लिखा, “आपकी कहानी काफी इंस्पायरिंग है” तो किसी ने लिखा, “अद्भुत इच्छा शक्ति और समर्पण।”

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कई बार रिजेक्ट होने के बाद शुरू किया खुद का काम (Success Story Of Mumbai Graphic Designer)

ऐसा नहीं कि कमलेश ने नौकरी खोजने की कोशिश नहीं की। उन्होंने दोस्तों और उनके कनेक्शन में भी नौकरी खोजने की कोशिश की। लेकिन हर बार उनका आवेदन खारिज कर दिया गया। कई जगहों से उन्हें ये जवाब आया कि उनके लायक संबंधित कंपनी में कोई जॉब रोल नहीं है तो कइयों ने कहा कि उनका बजट नहीं है। लगातार पिछले पांच महीनों से कमलेश को ऐसे ही फीडबैक मिल रहे थे, जिसके बाद उन्होंने खुद का काम करने का सोचा।

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जब खुद का व्यवसाय शुरू करने की बात आई तो कमलेश ने सोचा कि वे अपने फील्ड में काम शुरू नहीं करेंगे। उन्होंने ऑटो ड्राइवर बनने का सोचा। कमलेश ने अपनी सेविंग्स की मदद से ऑटो खरीदी और इसे चलाना शुरू कर दिया। बता दें, उन्हें बाइक का भी शौक है।

एक साथ तीन भाषा जानते हैं कमलेश

लिंक्डन से मिली जानकारी के अनुसार, एरेना एनीमेशन इंस्टीट्यूट से ग्राफिक डिजाइनिंग का कोर्स किया है। साथ ही मुंबई यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। कमलेश की पकड़ हिंदी, अंग्रेजी और मराठी तीनों भाषाओं पर है।