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यूपी बोर्ड के स्टूडेंट्स के लिए खुशखबरी, छात्रो को मिला नंबर बढ़ाने का दोबारा मौका, दे सकेंगे हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा

हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों के लिए बड़ी खुशखबरी छात्र दोबारा परीक्षा में शामिल होकर अपने अंक सुधार सकते है

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Pratibha Tripathi

Feb 05, 2021

UP board students

UP board students

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश(UP ) से हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा में यदि आपके कम अंक आए हैं तो अब परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। ऐसे छात्र अब मायूस ना हों। यूपी बोर्ड (UP board )अब आने वाले समय में ऐसे छात्रों के लिए अंक बढ़ाने का एक और मौका देने वाला है। छात्र दोबारा परीक्षा में शामिल होकर अपने अंक सुधार सकते हैं।

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आपको बतादें बोर्ड परीक्षाएं तो पहले की तरह ही शैक्षणिक सत्र के अंत में होंगी लेकिन विद्यार्थी दूसरे वर्ष की बोर्ड परीक्षा में शामिल होकर अपने अंक सुधार सकते हैं। ऐसे छात्रों को सभी विषयों की परीक्षा में अंक सुधार के लिए शामिल होने का मौका दिया जाएगा। आगामी वर्ष 2022 की बोर्ड परीक्षा से इसे लागू किया जाने वाला है। इस नियम के बाद अब यूपी बोर्ड भी सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सार्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआइएससीई) की तर्ज दोबारा सभी विषयों के एग्जाम में शामिल होने का मौका देने जा रहा है।

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आपको बतादें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी इसे लागू किया गया है। यह निर्णय उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को उत्तर प्रदेश में लागू कराने के लिए गठित टास्क फोर्स की बैठक में लिया गया।

सूबे के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में टास्क फोर्स के सामने नई शिक्षा नीति के तहत यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा साल में दो बार कराने की बात रखी गई जिस पर सदस्यों ने साल के भीतर ही दोबारा परीक्षा कराने की बात पर अधिक धन खर्च होने की बात कही, जिसे देखते हुए पूर्ववत चली आरही व्यवस्था के तहत साल में एक बार ही परीक्षा कराए जाने की बात कही गई। और नंबर बढ़ाने के इच्छुक छात्रों के लिए दूसरे साल की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने का प्रावधान रखा गया, जिसे सभी ने स्वीकार कर लिया। इतना ही नहीं यही व्यवस्था आगे उच्च शिक्षा के लिए स्नातक व परास्नातक स्तर पर भी विश्वविद्यालयों में लागू कराने की बात पर भी सहमति बनी है।