
Manoj Tumu(Image-LinkedIn/Manoj Tumu)
Manoj Tumu: आज का युवा नौकरी के साथ-साथ अपने पैशन को भी फॉलो करना जानता है। या तो ऐसी नौकरी करता है जिसमें वो अपना पैशन भी फॉलो कर सके या नौकरी के साथ-साथ अलग से पैशन को भी फॉलो करता है। ऐसी ही एक मजेदार और अच्छी खबर सामने आई है। अमेरिकी कंपनी Amazon ने भारतीय मूल के इंजीनियर Manoj Tumu को लगभग 3.36 करोड़ रुपये (करीब $400,000) सालाना पैकेज पर नौकरी दी थी। इतनी कम उम्र में इतनी बड़ी उपलब्धि पाना अपने आप में असाधारण है। लेकिन मनोज ने दिखा दिया कि असली सफलता सिर्फ पैसों से नहीं, बल्कि उस काम से जुड़ी है जो दिल की गहराइयों से आपको आकर्षित करता है। यही वजह रही कि उन्होंने अमेजन की हाई-प्रोफाइल जॉब छोड़कर मेटा (Meta)को चुना। जिसके बाद अब मनोज तुमु चर्चा का विषय बने हुए हैं और सोशल मीडिया में छाए हुए हैं।
मेटा में उन्हें मशीन लर्निंग (ML) और Artificial Intelligence (AI) जैसे उभरते हुए क्षेत्रों में बेहतर मौके नजर आए। यही कारण था कि उन्होंने अमेजन छोड़कर मेटा का रुख किया। मनोज लिंक्डइन पर काफी सक्रिय रहते हैं। उन्होंने नौकरी बदलने की जानकारी वहीं साझा की और युवा इंजीनियरों को करियर से जुड़े कुछ अहम सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि अमेजन ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया, लेकिन मेटा के एआई-एमएल प्रोजेक्ट्स उनके भविष्य के लक्ष्यों से ज्यादा मेल खाते थे।
मनोज का मानना है कि कॉलेज प्रोजेक्ट्स शुरुआती दौर में तो मदद करते हैं, लेकिन अनुभव उनसे कहीं ज्यादा मूल्यवान होता है। उन्होंने खुलासा किया कि कुछ साल के प्रोफेशनल अनुभव के बाद उन्होंने अपने रिज्यूमे से प्रोजेक्ट सेक्शन हटा दिया और केवल अनुभव पर फोकस किया। उनकी सलाह है कि नौकरी पाने के लिए सिर्फ "रेफरल" का इंतजार न करें। उन्होंने खुद किसी इंटरनल रेफरल पर भरोसा नहीं किया, बल्कि सीधे LinkedIn और कंपनी की वेबसाइट पर अप्लाई किया। रिज्यूमे पर मेहनत करना और कंपनी के वैल्यू सिस्टम को समझकर इंटरव्यू की तैयारी करना ही उनकी असली रणनीति रही।
अमेजन में काम करते हुए मनोज ने टेक्नोलॉजी में हो रहे बड़े बदलावों को करीब से देखा। पहले जहां पारंपरिक टेक्नोलॉजी का ज्यादा इस्तेमाल होता था, वहीं अब डीप लर्निंग और न्यूरल नेटवर्क्स ने पूरे परिदृश्य को बदल दिया है। ChatGPT जैसे टूल्स के आने से एआई-एमएल सेक्टर में कॉम्पिटिशन और नए रोल्स (जैसे मशीन लर्निंग इंजीनियर, रिसर्च साइंटिस्ट, अप्लाइड साइंटिस्ट) तेजी से बढ़े हैं। मेटा में उनका मौजूदा काम रिसर्च और प्रैक्टिकल एग्जीक्यूशन दोनों को बैलेंस करता है, जिससे वह टेक्नोलॉजी की बदलती रफ्तार के साथ कदम से कदम मिला पा रहे हैं।
Published on:
30 Aug 2025 01:22 pm
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