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International Yoga Day – जानिए 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है योगा दिवस

International Yoga Day - 21 june - yoga day - तो आइये जानते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस दुनियाभर में 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है।

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जयपुर

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Vikas Gupta

Jun 16, 2018

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international yoga day - तो आइये जानते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस दुनियाभर में 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है।

International Yoga Day - 21 june - yoga day - कहते हैं योग बेहतर सेहत के लिए सबसे जरूरी है। योग के दो अर्थ होते हैं- जोड़ना और समाधि। इन्हीं दो अर्थों से मिलकर योग बना है मतलब जब तक हम स्वयं से नहीं जुड़ते हैं समाधि तक नहीं पहुंच सकते। योग से ही समाधि तक पहुंचा जा सकता है। योग तन और मन से जुड़े तमाम तरह के रोग और विकारों को दूर कर मनुष्य का जीवन आसान कर देता है। यह मानव की हर तरह की शुद्धि का आसान तरीका है। योग, भारतीय ज्ञान की पांच हजार वर्ष पुरानी शैली है। योग विज्ञान में जीवन शैली का पूर्ण सार समाहित किया गया है। संयुक्त राष्ट्र में पीएम मोदी की पहल के बाद 21 जून 2015 से पूरी दुनिया में योग दिवस मनाने की शुरूआत हुई। तो आइये जानते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस दुनियाभर में 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है।

दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के लिए 21 जून की तारीख तय करने के पीछे भी एक वजह है। विज्ञान के अनुसार 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन होता है, यह मनुष्य को दीर्घ जीवन को दर्शाता है। 21 जून को योग दिवस मनाने की पहल को मात्र 90 दिन के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया था। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी भी दिवस प्रस्ताव को इतनी जल्दी पारित नहीं किया गया था।

21 जून के दिन सूरज जल्दी उदय होता है और देरी से ढलता है। माना जाता है कि इस दिन सूर्य का तेज सबसे प्रभावी रहता है, और प्रकृति की सकारात्मक ऊर्जा सक्रिय रहती है। 21 जून को ही योग दिवस मनाने के पीछे एक पौराणिक कथा भी है।

कथाओं के अनुसार योग का पहला प्रसार शिव द्वारा उनके सात शिष्यों के बीच किया गया। कहते हैं कि इन सप्त ऋषियों को ग्रीष्म संक्राति के बाद आने वाली पहली पूर्णिमा के दिन योग की दीक्षा दी गई थी, जिसे शिव के अवतरण के तौर पर भी मनाते हैं। इसे दक्षिणायन के नाम से भी जाना जाता है।

'योग धर्म, आस्था और अंधविश्वास से परे है। योग एक प्रायोगिक विज्ञान है। योग स्वस्थ जीवन जीने की कला है। योग शरीर के समस्त रोगों के लिए एक पूर्ण चिकित्सा पद्धति है। जहां धर्म लोगों को खूंटे से बांधता है वहीं योग सभी तरह के खूंटों से मुक्ति का मार्ग बताता है।