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माफिया अतीक अहमद का परिवार पहली बार सियासत से है दूर, बाकी दोनों भी हैं खामोश

Uttar Pradesh Assembly Election 2022 8 फरवरी को नामांकन की आखिरी तारीख थी परन्तु शाइस्ता ने पर्चा नहीं भरा। चुनाव 2022 में 33 वर्ष के राजनीतिक जीवन में पहली बार ऐसा होगा जब माफिया अतीक अहमद का परिवार सियासत से दूर रहेगा। कयास लगाए जा रहे हैं कि अतीक जेल में हैं और दोनों बेटे फरार हैं, इस वजह से शाइस्ता ने चुनावी जंग में हिस्सा नहीं लिया और मैदान छोड़ गईं।

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यूपी में बाहुबली अतीक अहमद को कौन नहीं जानता है। हर जगह उनकी तूती बोलती है। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के ऐलान के बाद अतीक अहमद और उसका परिवार सकिय हो गया। इस वक्त अतीक अहमद जेल में हैं। पर अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन को एआइएमआइएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने प्रयागराज पश्चिमी सीट से टिकट दिया। 8 फरवरी को नामांकन की आखिरी तारीख थी परन्तु शाइस्ता ने पर्चा नहीं भरा। चुनाव 2022 में 33 वर्ष के राजनीतिक जीवन में पहली बार ऐसा होगा जब माफिया अतीक अहमद का परिवार सियासत से दूर रहेगा। कयास लगाए जा रहे हैं कि अतीक जेल में हैं और दोनों बेटे फरार हैं, इस वजह से शाइस्ता ने चुनावी जंग में हिस्सा नहीं लिया और मैदान छोड़ गईं।

डॉन अतीक अहमद से राजनेता अतीक अहमद हो गए

तांगा हांकने वाले के बेटे अतीक अहमद को पढ़ाई रास नहीं आई और जल्द से जल्द अमीर बनने का ख्वाब देखने लगा। और अपराध की दुनिया रास्ता चुना। इलाहाबाद के खुल्‍दाबाद पुलिस स्‍टेशन में अतीक का हिस्‍ट्री शीटर नंबर 39A हैं। पुलिस डोजियर में अतीक गैंग को 'अंतरराज्‍य गिरोह 227' नम्बर से लिस्‍ट किया गया है। अपने को सुरक्षा कवच पहनाने के लिए डॉन अतीक अहमद से राजनेता अतीक अहमद हो गए।

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चुनाव 1989 में निर्दलीय चुने गए अतीक अहमद

इलाहाबाद पश्चिम सीट से चुनाव 1989 में निर्दलीय चुनाव जीता। इसके बाद सपा और अपना दल से करीब चार बार और विधायक बने। एक बार फूलपूर से सांसद भी चुने गए। इलाहाबाद पश्चिम सीट अब प्रयागराज पश्चिम सीट हो गई है, अतीक की पसंदीदा सीट है। सांसद बनने के बाद प्रयागराज पश्चिम सीट से उनके भाई अशरफ विधायक चुने गए। पर चुनाव 2022 में पहली बार हुआ है जब माफिया अतीक अहमद और उसके परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ रहा है।

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मुख्तार ने नामांकन के लिए मांगी अनुमति

बाहुबली मुख्तार अंसारी को सुभासपा ने मऊ सदर विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया है। इस वक्त वह जेल में बंद हैं। कोर्ट में नामांकन दाखिल करने के लिए अनुमति की अर्जी दी है। बुधवार को कोर्ट सुनवाई करेगा। मुख्तार अंसारी मऊ सदर से विधायक हैं।

छुपे छुपे से हैं धनंजय सिंह

बाहुबली नेता धनंजय सिंह ने अपनी सियासी पारी निर्दलीय चुनाव जीतकर शुरू की थी। बसपा के टिकट से सांसद बने। बसपा छोड़ने के बाद से धनंजय के सितारे गर्दिश में हैं। पूर्व सांसद पर इस वक्त 25 हजार का इनाम घोषित है। लोकसभा चुनाव 2019 के बाद विधानसभा चुनाव 2022 से भी धनंजय ने दूरी बनाई हुई है।