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बंगाल पंचायत चुनाव : कलकत्ता हाईकोर्ट जाएगी कांग्रेस-BJP, TMC सरकार पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी का हमला

Bengal Panchayat elections 2023 पश्चिम बंगाल में गुरुवार शाम पंचायत चुनाव 2023 का ऐलान किया गया। शुक्रवार सुबह से पंचायत चुनाव के लिए नामांकन शुरू हो गया है। बंगाल के कई राजनीतिक दलों ने प्रचार भी शुरू कर दिया है। चुनाव में केंद्रीय बल की तैनाती की मांग को लेकर कांग्रेस, भाजपा और सीपीएम कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख करने जा रहे हैं। कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर कर हस्तक्षेप का अनुरोध करेंगे।

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बंगाल पंचायत चुनाव : कलकत्ता हाईकोर्ट जाएगी कांग्रेस, BJP

पश्चिम बंगाल राज्य में पंचायत चुनाव की डेट का काफी समय से इंतजार था। अब पंचायत चुनाव की डेट का ऐलान हो गया है। नामांकन की प्रक्रिया 9 से 15 जून तक चलेगी। बंगाल पंचायत चुनाव के लिए आठ जुलाई को वोटिंग होगी। राज्य में पंचायत चुनाव के नतीजे 11 जुलाई को घोषित किए जाएंगे। नवनियुक्त राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा ने गुरुवार शाम इसका ऐलान किया। राजीव सिन्हा केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती पर अपने बयान साफ—साफ नहीं बताया। साथ जनता को राज्य पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था में विश्वास रखने के लिए कहा। कांग्रेस, भाजपा और सीपीएम को यह पसंद नहीं आया। पंचायत चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए तीनों कोलकाता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।



हाईकोर्ट से केंद्रीय बलों की तैनाती की करेगी मांग

राज्य कांग्रेस अध्यक्ष व पार्टी लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने घोषणा की कि पार्टी आगे बढ़ेगी और कोर्ट से केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग करेगी। कांग्रेस नेता और कलकत्ता हाइकोर्ट के वकील कौस्तव बागची शुक्रवार को हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे। बागची ने कहा, आगामी पंचायत चुनावों के लिए हमारी 12 मांगें हैं, इसमें केंद्रीय बलों की तैनाती, ऑनलाइन नामांकन की व्यवस्था और राज्य चुनाव आयोग और जिलाधिकारियों के कार्यालयों में नामांकन दाखिल करने का विकल्प शामिल है।

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कई आधार पर भाजपा जाएगी कलकत्ता हाईकोर्ट

कांग्रेस के अलावा, पश्चिम बंगाल में भाजपा की राज्य इकाई ने भी विभिन्न आधारों पर कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख करने का फैसला किया है। केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग के अलावा, भगवा खेमा 8 जुलाई को एक चरण में चुनाव कराने पर भी आपत्ति जताएगा। पता चला है कि अपनी याचिका में पार्टी राज्य चुनाव आयुक्त के सर्वदलीय बैठक बुलाए बिना नामांकन, मतदान की घोषणा पर भी आपत्ति जताएगी।

सीएम और राज्य चुनाव आयुक्त होंगे जिम्मेदार - शुभेंदु अधिकारी

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि ग्रामीण निकाय चुनावों में खून खराबे के पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए एकल चरण के चुनाव अकल्पनीय हैं। अगर चुनाव हिंसा में एक भी व्यक्ति की मौत होती है, तो इसके लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा जिम्मेदार होंगे।

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सर्वदलीय बैठक बुलाने के लिए राज्य चुनाव आयोग बाध्य नहीं - कुणाल घोष

हालांकि, तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल घोष ने सर्वदलीय बैठक बुलाए बिना चुनाव की तारीख की घोषणा के शुभेंदु अधिकारी के दावों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, सर्वदलीय बैठक बुलाने के लिए राज्य चुनाव आयोग बाध्य नहीं है।

सभी दल बना रहे हैं बहाने - तृणमूल कांग्रेस

तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल घोष ने आगे कहा, केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती के संबंध में, वे सभी दल ऐसे बहाने बना रहे हैं जिनके पास पश्चिम बंगाल में कोई संगठन नेटवर्क या सार्वजनिक समर्थन नहीं है। 2021 केंद्रीय बलों की तैनाती के साथ आठ चरणों में राज्य विधानसभा चुनाव कराए गए। सभी जानते हैं कि परिणाम क्या रहा।'

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