
UP Assembly Elections 2022 : उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा के चुनाव के लिए पांचवें चरण का मतदान काफी अहमियत रखता है। इस चरण में भारतीय जनता पार्टी के प्रदर्शन के भी असल परीक्षा होगी। क्योंकि पांचवें चरण के चुनाव में धार्मिक आस्था का प्रतीक माने जाने वाले जिले अयोध्या, प्रयागराज, श्रावस्ती, चित्रकूट में 27 मार्च को वोटिंग होनी है। भाजपा के लिए यह चरण इसलिए भी अहम है क्योंकि भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या से लेकर उनकी तपोभूमि रही चित्रकूट तक 2017 के चुनाव में 90 फीसदी से अधिक सीटें जीती थी। इस बार अयोध्या में हो रहे भव्य राम मंदिर के निर्माण सहारे अपने पुराने प्रदर्शन को दोहारने के लिए बेताब है।
2017 में भाजपा गठबंधन ने जीती थी 52 सीटें
यूपी विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण के लिए 11 जिलों की 60 सीटों पर आगामी 27 फरवरी को मतदान होगा। इन 11 जिलों में गांधी परिवार का गढ़ कहे जाने वाला अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, बाराबंकी, बहराइच, गोंडा और श्रावस्ती जैसे अहम जिले की सीटें है। इसके अलावा प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिलों की सीटों के साथ-साथ बुंदलेखंड के चित्रकूट जिले की भी दो सीटें शामिल हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन ने 60 सीटों में से 52 सीटों पर जीत हासिल की थी। जिसमें दो सीटें अपना दल (एस) की शामिल थी। जबकि सपा को 5, कांग्रेस को एक और दो निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीते थे।
अयोध्या
राममंदिर निर्माण को लेकर अयोध्या का चुनाव काफी अहम माना जा रहा है। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अयोध्या जिले की सभी पांच विधानसभा सीटों पर अपना कब्जा जमाया था। जिसमें से अयोध्या, रुदौली, बीकापुर, गोसाईगंज और मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर भाजपा ने अपनी जीत का परचम फहराया था।
प्रयागराज
इलाहाबाद (अब प्रयागराज) को पुराणों में संगमनगरी कहा जाता है। भगवान राम ने अपनी जन्मस्थली छोड़ने के बाद बनवास का कुछ समय प्रयागराज में बिताया था। जिससे इस नगर का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रयागराज जिले की 12 विधानसभा सीटों में से 9 सीटों पर जीत हासिल की थी। जबकि सपा को एक और बसपा को दो सीटें मिली थी। भाजपा के सामने 2022 के चुनाव में प्रयागराज में अपने प्रदर्शन को दोहराने की बड़ी चुनौती है।
चित्रकूट
प्रयागराज के बाद भगवान राम ने अपने बनवास के करीब 11 साल धार्मिक चित्रकूट में बिताये थे। इसीलिये चित्रकूट को भगवान राम की तपस्थली भी कहा जाता है। चित्रकूट जिले की दो सीटों पर 2017 के चुनाव में भाजपा का कब्जा रहा। 2019 बीजेपी विधायक बाल कुमार पटेल के सांसद बनने के बाद चित्रकूट सदर में हुए उपचुनाव में भी बीजेपी को ही जीत मिली थी। यहां से आनंद कुमार शुक्ला ने सपा उम्मीदवार को हराया था।
श्रावस्ती
श्रावस्ती जिले की पहचान भगवान बौद्ध की तपोस्थली के रूप में है। इस जिले में श्रावस्ती और भिंनगा दो विधानसभा सीटें आती है। 2017 के विधानसभा चुनाव में श्रावस्ती सीट से बीजेपी के रामफेरन पांडेय और भिंनगा से बसपा के असलम रायनी ने जीत हासिल की थी। भाजपा इस बार धार्मिक नगरी में कराये गये विकास कामों के सहारे श्रावस्ती की दोनों सीटों पर अपना कब्जा जमाना चाहती है।
Updated on:
24 Feb 2022 07:12 am
Published on:
22 Feb 2022 07:14 pm
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