
Uttar Pradesh Assembly Election 2022 : सिधौली के बसपा विधायक हो चुके सपाई, अब टिकट को लेकर दलों में कसमकश
सीतापुर. (पत्रिका न्यूज नेटवर्क). जिले की सीतापुर सदर सीट के बाद सिधौली ( Sidhauli Assembly constituency) दूसरी ऐसी सीट है, जिसके विधायक ने दल बदला है। इन दोनों विधायकों ने एक ही दल सपा का दामन थामा है। इनमें सीतापुर सदर के भाजपा विधायक राकेश राठौर और सिधौली से बसपा विधायक डॉ. हरगोविंद भार्गव शामिल हैं। अब Uttar Pradesh Assembly Election 2022 में यह देखना दिलचस्प होगा कि Sidhauli Assembly constituency के मतदाता इन विधायकों के दल बदल वाले फैसले पर अपना क्या फैसला सुनाते हैं। स्थानीय नेताओं में भी अब टिकट को लेकर कसमकश चल रही है।
हम बात कर रहे हैं सिधौली विधानसभा क्षेत्र ( Sidhauli Assembly constituency) की चुनावी राजनीति की। जिले की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाली सिधौली सीट पर वर्ष 2017 के चुनाव में बसपा के डॉ.हरगोविंद भार्गव ने जीत दर्ज की थी। उन्हें सपा के मनीष रावत से कड़ी टक्कर मिली थी। डॉ.भार्गव को 78506 वोट मिले थे जबकि मनीष रावत को 75996 मत मिले थे।भाजपा के राम बक्श रावत 68956 वोट पाकर तीसरे स्थान पर थे। सपा के मनीष रावत वर्ष 2012 के चुनाव में इसी सीट से विधायक रह चुके हैं जबकि भार्गव 2007 में बसपा के सिंबल पर यहां से चुनाव जीत चुके हैं। वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव जीतने के बाद पार्टी से जुड़े मुद्दों को लेकर जब डॉ.भार्गव का बसपा हाईकमान से विवाद हुआ तो बसपा ने इन्हें निलंबित कर दिया। अक्टूबर 2021 में डॉ.भार्गव समेत बसपा के निलंबित सभी छह विधायक सपा प्रमुख अखिलेश यादव के समक्ष समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। इसी दिन सीतापुर सदर के भाजपा विधायक राकेश राठौर ने भी सपा ज्वाइन की थी।
वर्ष 2022 के चुनाव में होगी टक्कर
सिधौली (सुरक्षित ) विधानसभा सीट ( Sidhauli Assembly constituency ) Uttar Pradesh Assembly Election 2022 में वर्तमान हालात ऐसे हैं कि असली भिडंत बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच होगी। मुख्य मुकाबले में आने के लिए भाजपा को उम्मीदवार से लेकर काफी कुछ करना पड़ेगा। एक पेंच यह भी कि यहां से बसपा के विधायक डॉ.हरगोविंद भार्गव अब समाजवादी पार्टी में आ गए हैं, ऐसे में पहले से सपा से टिकट के दावेदारों का क्या होगा ? यह बड़ा सवाल समाजवादी पार्टी के स्थानीय नेताओं को परेशान कर रहा है। सपा के एक नेता ने कहा कि टिकट का फैसला सपा नेतृत्व करेगा। भाजपा भी इस सीट पर भी पिछले चुनाव के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करने के लिए किसी नए चेहरे पर दांव लगा सकती। संभावना यह भी कि पिछले चुनाव के पराजित प्रत्याशी विरोधी दलों में शामिल होकर टिकट हासिल कर लें। ऐसे में असली चुनावी तस्वीर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा के बाद ही साफ हो सकेगी।
ये हैं क्षेत्र के मुख्य मुद्दे
सिधौली (सुरक्षित ) विधानसभा सीट ( Sidhauli Assembly constituency) में भी जिले की अन्य विधानसभा क्षेत्रों की तरह शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की समस्याएं हैं। शिक्षा के लिए निजी संस्थान अधिक हैं। रोजगार के लिए लोगों की परेशानी कुछ ज्यादा ही है। कोरोना के कारण काम के सिलसिले में बाहर जाने वालों की संख्या भी कम हुई है। ऐसे में घर चलाना मुश्किल है। गरीब व मध्यम वर्ग के ऐसे लोग सरकार से अधिक से अधिक मदद चाहते हैं।
Published on:
07 Jan 2022 05:43 pm
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