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UP Assembly Elections 2022 : 22 साल की उम्र में नौ की हत्या, राजनीति में दखलंदाजी बनी मौत का कारण, जानिए ददुआ का राज

UP Assembly Elections 2022 : उत्तर प्रदेश के चित्रकूट, बुंदेलखंड क्षेत्र के साथ ही मध्य प्रदेश के विंध्य इलाके में शिवकुमार पटेल उर्फ ददुआ ने करीब तीन दशकों तक राज किया। पाठा के जंगलों के इस बेताज बादशाह की परछाई तक को कभी पुलिस छू नहीं सकी थी। बिना उसके आशीर्वाद के ग्राम पंचायत से लेकर लोकसभा तक के चुनाव नहीं लड़े जा सकते थे। उसने बंदूक की नाल की जोर पर जंगल में वोट की फसल उगाई।

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लखनऊ

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Amit Tiwari

Feb 19, 2022

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UP Assembly Elections 2022 : बुंदेलखंड के वीरप्पन के नाम से मशहूर दस्यु सम्राट ददुआ की मौत हुए अरसा बीत गया। लेकिन, हर चुनाव में इसका भूत जिंदा हो उठता है। सहानुभूति की लहर पर सवार वोटर्स ददुआ के बेटे और भतीजे को जिताते रहे हैं। चित्रकूट और आसपास के इलाके में इसे आज भी ग्रामीण मसीहा मानते हैं। फतेहपुर में ददुआ का मंदिर है। जहां उसकी पूजा होती है। सवाल है इस बार के चुनाव में क्या ददुआ के बेटे वीर सिंह पटेल को ददुआ के नाम का लाभ मिलेगा। वीर सिंह मानिकपुर से सपा से चुनाव लड़ रहे हैं। 2012 में भी वीर सिंह पटेल सपा से ही विधायक बने थे। 2006 में ददुआ ने अपने बेटे को निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाया था। जबकि भतीजा राम सिंह पटेल प्रतापगढ़ की पट्टी विधानसभा से सपा उम्मीदवार है।

पाठा के जंगलों का बेताज बादशाह

पाठा के जंगलों का बेताज बादशाह रहे ददुआ का नाम फिर से सुर्खियों में है। तेंदू के पत्तों का काला कारोबार करने वाले ददुआ का आतंक यूपी की सियासत में भी रहा है। जंगल में रहते हुए उसने जिसे चाहा, उसे जिताया। लेकिन, बढ़ती सियासी महत्वाकांक्षा ही उसकी मौत का कारण बनी। बावजूद इसके दस्यु सम्राट आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है।

भाई बाल कुमार पटेल था सांसद

ददुआ के 500 गांवों में ग्राम प्रधान थे। 10 लोकसभा सीटों और दर्जनों विधानसभा क्षेत्रों में ददुआ का प्रभाव था। बुंदेलखंड में कोई भी चुनाव उसके समर्थन के बिना नहीं जीत सकता था। अपने इसी रसूख के बल पर अपने भाई बालकुमार पटेल को मिर्जापुर से सांसद बनवाया था। बेटा वीर सिंह पटेल कर्वी से विधायक और बहू जिला पंचायत अध्यक्ष रही। इसके अलावा भतीजा राम सिंह पटेल भी पट्टी प्रतापगढ़ से विधायक बना था।

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2007 में एनकाउंटर में हुआ ढेर

मानिकपुर थाना क्षेत्र के आल्हा गांव के पास झालवाल में 22 जुलाई 2007 में हुई एनकाउंटर में ददुआ की मौत हुई थी। तब तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने एसटीएफ टीम को 10 लाख का इनाम दिया था।

22 साल की उम्र में 9 की हत्या

ददुआ का जन्म यूपी के चित्रकूट के देवकली गांव में राम सिंह पटेल के घर में हुआ था। इसका असली नाम शिवकुमार पटेल था। 22 साल की उम्र में अपने ही गांव के 9 लोगों की इसने हत्या कर दी थी।

कर्बहा गांव में लगी है ददुआ की मूर्ति

फतेहपुर के नरसिंहपुर कर्बहा गांव में ददुआ की मंदिर है। जिसमें ददुआ की मूर्ति लगी है।