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UP Assembly Elections 2022 : मिशन 300+ पाने में जुटी भाजपा, दिनेश शर्मा और स्वतंत्र देव सिंह नहीं लड़ेंगे विधानसभा का चुनाव

UP Assembly Elections 2022 : यूपी में सात चरणों में मतदान होना है। 10 फरवरी को राज्य के 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान के साथ होगी। दूसरे चरण में 14 फरवरी को 55 सीटों पर मतदान होगा। तीसरे चरण में 59 सीटों पर, 23 फरवरी को चौथे चरण में 60 सीटों पर, 27 फरवरी को पांचवें चरण में 60 सीटों पर, तीन मार्च को छठे चरण में 57 सीटों पर और सात मार्च को सातवें चरण में 54 सीटों पर मतदान होगा। जबकि 10 मार्च को चुनाव के नतीजे आएंगे।

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लखनऊ

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Amit Tiwari

Jan 26, 2022

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UP Assembly Elections 2022 : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के डिप्टी डॉ दिनेश शर्मा और यूपी बीजेपी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह इस बार भी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। भाजपा के ये दोनों नेता पार्टी के मिशन 300+ हासिल करने के लिए चुनाव प्रचार अभियान को गति देने का काम करेंगे। यह अंदर की बात भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से छनकर बाहर आयी है। पार्टी सूत्रों की माने तो केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में इस बात को लेकर फैसला भी लिया जा चुका है। इन दोनों नेताओं के चुनाव न लड़ने का जो कारण बताया जा रहा है वो ओपनियन पोल है। दरअसल अब तक जितने भी सर्वे सामने आये हैं, उनमें भाजपा यूपी में सरकार बनाती तो दिख रही है, लेकिन 300+ का आंकड़ा नहीं हासिल कर पा रही है। जिसके चलते केंद्रीय नेतृत्व ने यह निर्णय लिया है।

सीएम योगी पहली बार लड़ रहे विधानसभा का चुनाव

उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पहली बार चुनावी समर में उतरे हैं। भाजपा ने योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर शहर विधानसभा सीट से और केशव प्रसाद मौर्य को कौशांबी जिले की सिराथू विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया है। इन दोनों सीटों के लिए पांचवें और छठवें चरण में मतदान होना है।

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भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने लिया फैसला

दरअसल अब तक जितने भी ओपनियन पोल सामने आए हैं, उसमें भाजपा उत्तर प्रदेश में सरकार बनाती दिख रही है। लेकिन वह 300 सीटों के आंकड़े को पार कर पा रही है। जबकि भारतीय जनता पार्टी ने इस बार भी उत्तर प्रदेश में 300 + का टारगेट रखा है। लेकिन अब तक आए एजेंसियों के सर्वे में भाजपा को बहुमत तो मिल रहा है, मगर 300 + के टारगेट से काफी पीछे है। माना जा रहा है कि इसी के वजह से भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने डॉ दिनेश शर्मा और यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को चुनावी समर में न उतारने का फैसला लिया हो, ताकि पार्टी अपनी मिशन 300+ का हासिल कर सकें।